
लक्ष्मणसिंह राठौड़ @ राजसमंद
Gangaur festival : गणगौर का पर्व धर्म, आस्था व लोक संस्कृति का संगम है। राजसमंद शहर में चून्दड़ी गणगौर की परम्परागत सवारी हर्षोल्लास एवं उत्सवी माहौल में पूरे ठाठ-बाठ से निकली। सवारी देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी और पूरे मार्ग में लोगों की रेलमपेल बनी रही। श्री द्वारकाधीश मंदिर से ढलते सूरज की लाल-पीली आभा के बीच शृंगारित गणगौर व सुखपाल में बिराजित द्वारकाधीश की सवारी ने मेला स्थल के लिए प्रस्थान किया। रास्ते में मौजूद हजारों श्रद्धालुओं ने द्वारकाधीश के गगनभेदी जयकारे लगाकर समूचे परिवेश को गुंजायमान कर दिया। साथ ही वाद्य वादन तुरही, बांकिया व नंगाड़े सहित कई बैंड-बाजों पर लोकगीतोंं व भक्ति संगीत की सुमधुर स्वर लहरियों ने वातावरण को उत्सवी बना दिया। नगर में चहुंओर चून्दडी गणगौर का रंग छाया रहा। सवारी में सबसे आगे ढोल-नंगाडे, हाथी एवं इसके पीछे ऊंट पर स्थापित नंगाडे की गूंज सवारी देखने की प्रतीक्षा में मार्ग में खड़े जन समूह को अधीर कर रहे थे। यह अनुपम नजारा देखने के लिए लोग बेताब हो रहे थे। सवारी में दर्जनों नन्हीं बालिकाएं लहंगा लूगड़ी पहने अपने सिर पर जल कलश लिए धीरे-धीरे डग भरती हुई सवारी की शोभा बढ़ा रही थी। सवारी में शिव-पार्वती व राधा कृष्ण सहित विभिन्न देवी-देवताओं की आकर्षक झांकियां लोगों की धार्मिक आस्था को प्रगाढ़ बना रही थी। सवारी में ऊंट गाडिय़ों पर सजी इन झांकियों में धार्मिक एवं लोक संस्कृति को भी प्रदर्शित किया गया। सवारी के मध्य बग्गी एवं रथ पर काष्ठ से निर्मित चून्दड़ी परिधानों में सजी गणगौर प्रतिमाएं अपनी अलग ही छटा बिखेर रही थी। परम्परानुसार सवारी में मंदिर निशान लिए घुड़सवार, फौज पलटन थी जो रियासत काल की परम्परागत शाही गणगौर सवारी की याद ताजा कर रही थी वहीं ढोल नंगाड़े एवं कच्छी घोड़ी नृतक अपनी कला से पूरे मार्ग में मनोरंजन करते हुए आगे बढ़ रहे थे।

चौतरफा गूंजे द्वारकाधीश के जयकारें
Gangaur Mahotsav : सुखपाल में बिराजित प्रभु द्वारकाधीश को कंधे पर उठा चंवर ढुलाते श्रद्धालु साथ चल रहे थे। सवारी में शामिल लोग चून्दड़ की मेवाड़ी पाग व अंगरखी पहने गले में चूंदड़ी उपरना डाले चल रहे श्रद्धालु गिरिराज धरण की जय, जय बोल श्री राधे.. पूछड़ी के लौठे की हूक बोल मेरे प्यारे.. के जयघोष से वातावरण गूंजा रहे थे। सवारी में शामिल घुड़सवार, पालकी एवं नृत्य रत अश्वो के अलावा सेठ-सेठानी के प्रतीकों ने भी दर्शकों को मोहित किया। सवारी कांकरोली सब्जी मंडी पहुंचने पर सुखपाल की छतरी में प्रभु द्वारकाधीश ने कुछ पल विश्राम किया। सवारी को देखने के लिए मार्ग के दोनों ओर तथा मकानों की छतों पर श्रद्धालुओं की भीड़ जमा थी। सवारी के स्वागत में मुख्य चौपाटी पर विशाल स्वागत द्वार बनाया गया। इसके अलावा मेला प्रांगण के मुख्य द्वार तथा जगह-जगह कई स्वागत द्वार लगाए गए। इस बार सवारी में कई विशेष आकर्षण दिखाई दिए। सवारी के दौरान पूरे मार्ग में बारां से आमंत्रित सहरिया कलाकार पारम्परिक वेशभूषा में सजकर अनूठी भाव-भंगिमाओं के साथ नृत्य करते आगे बढ़ रहे थे। सवारी तय मार्ग पर होते हुए रंग-बिरंगी आकर्षक रोशनी से लकदक मेला प्रांगण बालकृष्ण स्टेडियम पहुंची जहां धर्मप्राण महिलाओं ने गणगौर की पूजा कर झाले दिए तथा पारंपरिक लोक गीत भंवर म्हाने पूजण द्यो गणगौर.. एवं म्हारी घूरम छै नखराली ओ माय घूमर रमवा ने जास्या… के साथ घूमर नृत्य किया। मंच पर बिराजित प्रभु द्वारकाधीश की पूजा अर्चना की गई।

मेले में दोपहर से चहलकदमी शुरू
Gangaur sawari : इधर, स्टेडियम में चल रहे मेले में शाम चार बजे से ही लोगों की खासी चहल-पहल शुरु हो गई थी जो बाद में निरन्तर बढ़ती गई। दूसरी ओर रास्ते में सवारी देखने के बाद लोगों का हुजूम मेला प्रांगण की तरफ बढ़ता गया जिससे मेले में चहुंओर भारी भीड़ जमा हो गई। मेला परिसर में लगे मनोरंजन के साधनों के अलावा यहां लगी खान-पान, मनिहारी, खिलौना, सौन्दर्य प्रसाधन, रेडिमेड वस्त्रों आदि की दुकानों पर लोगों की भीड़ रही जो देर शाम तक अनवरत बनी रही। लोगों ने खरीदारी व खान-पान का लुफ्त उठाया। दूसरी ओर सभापति सुरेश पालीवाल एवं आयुक्त ब्रजेश रॉय के निर्देशन में सहायक अभियन्ता संजय फिलीप, कनिष्ठ अभियन्ता दिनेश मीणा व नवीन जांगिड़, सफाई निरीक्षक गिरीराज गर्ग व परमानंद गुर्जर सहित अन्य अधिकारी व दर्जनों कार्मिकों सहित अन्य सहयोगी कर्मचारियों की बड़ी फौज आयोजन सम्बन्धी तमाम व्यवस्थाएं कायम रखने में मुस्तद रही। इसी कड़ी में मेला प्रांगण में स्वच्छता के प्रति विशेष ख्याल रखने के लिए कार्मिकों को तैनात किया गया है तथा दुकानदारों को भी इस बारे में सख्त निर्देश दिए गए है। सवारी के मार्ग में भी सफाई, रोशनी के पुख्ता इंतजाम किए गए।

ऊंट और घुड़सवार भी रहे आकर्षण का केंद्र
Gangaur Mela : द्वारकाधीश मंदिर से लेकर सवारी के पूरे मार्ग में शहर में चहुंओर चून्दड़ी गणगौर का ही रंग छाया रहा। सवारी में सबसे आगे ढोल-नंगाड़े, हाथी एवं 25 घोड़े और इसके पीछे ऊंट नगाड़े की गूंज सवारी देखने की प्रतिक्षा में मार्ग में खड़े लोगों को सवारी के जल्द ही पहुंचने की एक तरह से मुनादी कर रहे थे। सवारी में शिव-पार्वती व राधा कृष्ण सहित विभिन्न देवी-देवताओं की आकर्षक झांकियां लोगों को भक्तिमय वातावरण में डूबो रही थीं। सवारी के बीच बग्घी व रथ पर लकड़ी से बनी चून्दड़ी के आकर्षक परिधानों व आभूषणों से सजी गणगौर प्रतिमाएं कुछ अलग ही छटा बिखेर रही थीं। इसके साथ ही परम्परानुसार सवारी में मंदिर से निशान लिए घुड़सवार, फौज पलटन थी जो रियासत काल की परम्परागत शाही गणगौर की सवारी की यादें ताजा कर रही थीं। आदिवासी भील समाज के लोग भाले जमीन पर पटकते हुए आगे बढ़ रहे थे, जिनकी विशेष आवाज लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही थी।
ये झांकियां भी रही आकर्षण का केंद्र
chunari gangaur : सवारी में प्रभु श्री राम के दरबार की झांकी में राम-लक्ष्मण-जानकी और श्री हनुमानजी, सजकर रथ में सवार हुए। प्रभु श्री राधा-कृष्ण, मोर महारास की सुंदर प्रस्तुतियों ने भी लोगों को पुष्पवर्षा करने पर मजबूर कर दिया। इसके साथ ही सवारी में अन्य कई आकर्षक झांकियां एवं ढोल-नगाड़ा वादन से कलाकार पूरे मार्ग में श्रद्धलुओं का मनोरंजन करते हुए आगे बढ़ रहे थे। मारवाड़ के प्रसिद्ध ढोल का वादन हर किसी को मोहित कर रहा था। वहीं, जोकर डांस करते हुए और लोगों को गुदगुदाते हुए चल रहे थे।

इन रास्तों से गुजरी सवारी
सवारी प्रभु श्री द्वारकाधीश मंदिर से रवाना होकर परंपरात मार्ग रेती मोहल्ला, बड़ा दरवाजा, सुखपाल छतरी, नया बाजार, पुराना बस स्टैण्ड, चौपाटी एवं जेके मोड़ से होते हुए रंग.बिरंगी आकर्षक रोशनी से लकदक मेला प्रांगण बालकृष्ण स्टेडियम पहुंची। स्टेडियम में पहुंचने के बाद श्रद्धालु महिलाओं ने गणगौर को की प्रतिमाओं को वहां विराजित कर उनकी पूजा कर झाले दिए

सवारी में जनप्रतिनिधियों ने भी की शिरकत
Gangaur Pooja : सवारी में पारंपरिक वेशभूषा और चूदड़ी की इकलाई और साफे में नगर परिषद सभापति अशोक टांक, उप सभापति चुन्नीलाल पंचोली, आयुक्त ब्रजेश रॉय, पार्षद हेमन्त रजक, हेमन्त गुर्जर, दीपक कुमार जैन, तरूणा कुमावत, राजकुमारी पालीवाल (वार्ड 17), राजकुमारी पालीवाल (वार्ड 37), दीपिका कुमावत, हिमानी नंदवाना, सुमित्रा देवी नंदवाना, पुष्पा पोरवाड़, शालिनी कच्छावा, मोनिका खटीक, अर्जुन मेवाड़ा, भुरालाल कुमावत, दीपक शर्मा, रोहित मीणा, मांगीलाल टांक, प्रमोद रैगर, कमलेश पहाडिय़ा, बंशीलाल कुमावत, नारायण गाडरी, हिम्मत कीर, एवं नरेन्द्र पालीवाल आदि शामिल हुए। साथ ही कानून एवं शांति व्यवस्था को लेकर राजसमंद पुलिस उप अधीक्षक विवेकसिंह राव के नेतृत्व में राजनगर, कांकरोली, साइबर थाना व महिला थाने का विशेष पुलिस जाब्ता तैनात रहा।

हरियाली गणगौर सवारी 1 अप्रैल को
गणगौर महोत्सव के तहत 1 अप्रैल को हरी गणगौर की सवारी पंरपरागत रूप से प्रभु श्री द्वारकाधीश मंदिर से तय मार्ग से होकर निकाली जाएगी। इसमें गणगौर प्रतिमाओं से लेकर महिला-पुरुष और सभी श्रद्धालु हरे रंग के वस्त्रों में सुसज्जित होकर भाग लेंगे।
1 अप्रैल को सांस्कृतिक संध्या
गणगौर महोत्सव में सांस्कृतिक मंच पर दूसरे दिन मंगलवार को सांस्कृतिक संध्या होगी। इसमें बॉम्बे फायर इंडियाज फर्स्ट फीमेल डांस ग्रुप, वीआर ग्रुप में फेमस बैलेंसिंग, एंजेल प्रिया होला होप डांस प्रस्तुति रोपा डांस, डांस इंडिया डांस फेम सेम एंड निशा, विनय गुप्ता फायर डांस प्रस्तुति, आरबीएम डांस ग्रुप साक्षी श्रीवास्तव, कॉमेडियन विजय परिहार, इंडियन आइडल सिंगर कपिल थापा, सिंगर माही ठाकुर आदि कलाकार प्रस्तुतियां देंगे।