
Castrol india share price : Castrol India के शेयरों में 6 मार्च को जबरदस्त उछाल देखने को मिला। एक ही दिन में इसके शेयर 10% से अधिक बढ़ गए, जो पिछले सात महीनों में सबसे बड़ी तेजी थी। इस वृद्धि का कारण एक महत्वपूर्ण खबर थी – दुनिया की सबसे बड़ी ऊर्जा कंपनी सऊदी अरामको (Saudi Aramco) ब्रिटिश कंपनी बीपी (BP Plc) के ल्यूब्रिकेंट (Lubricant) कारोबार में दिलचस्पी दिखा रही है। ब्लूमबर्ग (Bloomberg) की एक रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी अरामको बीपी के ल्यूब्रिकेंट व्यवसाय, जो कैस्ट्रोल (Castrol) ब्रांड के तहत संचालित होता है, के कुछ हिस्से या पूरे कारोबार को खरीदने की संभावना तलाश रही है।
castrol india Ltd के शेयरों में आई तेजी की मुख्य वजहें सऊदी अरामको की दिलचस्पी और BP की संभावित हिस्सेदारी बिक्री की खबरें हैं। यदि यह डील पूरी होती है, तो यह भारत के ल्यूब्रिकेंट बाजार में एक बड़ा बदलाव ला सकती है। इस अधिग्रहण से अरामको की बाजार पकड़ और भी मजबूत होगी, जिससे भारत सहित एशिया में ल्यूब्रिकेंट उद्योग पर इसका बड़ा प्रभाव पड़ेगा। निवेशक अब इस डील की आधिकारिक घोषणा का इंतजार कर रहे हैं, जिससे यह स्पष्ट होगा कि Castrol का भविष्य कैसा रहेगा।
अरामको की रणनीति और निवेशकों की प्रतिक्रिया
Castrol Share News : सऊदी अरामको खासतौर पर भारत जैसे तेजी से बढ़ते बाजारों में अपनी उपस्थिति मजबूत करने के लिए उत्सुक है, जहां Castrol की पहले से ही एक बड़ी पकड़ है। इस खबर के बाद निवेशकों का भरोसा बढ़ा और शेयर में जबरदस्त खरीदारी देखने को मिली। यदि यह डील सफल होती है, तो अरामको Castrol के कारोबार को अपनी पहले से मौजूद ल्यूब्रिकेंट कंपनी वाल्वोलिन (Valvoline) के साथ मिला सकती है।
2023 में ही अरामको ने वाल्वोलिन के ल्यूब्रिकेंट कारोबार को 2.65 अरब डॉलर में खरीदा था। अब, Castrol को खरीदने की योजना से यह स्पष्ट होता है कि अरामको ल्यूब्रिकेंट क्षेत्र में अपनी स्थिति और मजबूत करना चाहती है।
Castrol India के शेयरों की मौजूदा स्थिति
Castrol India का 52 सप्ताह का उच्चतम स्तर 284 रुपये और न्यूनतम स्तर 162.6 रुपये रहा है। इस समय कंपनी का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) करीब 23,600 करोड़ रुपये के आसपास है। निवेशकों को उम्मीद है कि यदि यह डील पूरी होती है, तो Castrol की बाजार स्थिति और भी मजबूत होगी।
एशिया में विस्तार की अरामको की योजना
British Petroleum : सऊदी अरामको पहले ही यह स्पष्ट कर चुकी है कि वह एशिया, खासतौर पर भारत, चीन और दक्षिण पूर्व एशिया में अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए काम कर रही है। इसके लिए कंपनी ल्यूब्रिकेंट व्यवसाय और फ्यूल स्टेशन जैसी संपत्तियों का अधिग्रहण कर रही है। इस रणनीति से अरामको कच्चे तेल से लेकर अंतिम उपभोक्ता तक की पूरी सप्लाई चेन (Supply Chain) पर अपनी पकड़ मजबूत कर सकेगी।
BP क्यों बेच रही है Castrol को?
Share Market Update : फरवरी 2024 में BP ने घोषणा की थी कि वह अपने वैश्विक ल्यूब्रिकेंट कारोबार की रणनीतिक समीक्षा कर रही है। कंपनी का लक्ष्य Castrol को अगले विकास चरण (Growth Phase) के लिए तैयार करना है। BP के अनुसार, Castrol एक ग्लोबल लीडर है, जो 150 से अधिक देशों में अपने प्रीमियम उत्पाद बेचता है।
BP की रणनीतिक समीक्षा का एक मुख्य उद्देश्य अपनी बैलेंस शीट को मजबूत करना भी है। कंपनी को उम्मीद है कि Castrol की हिस्सेदारी बेचकर वह अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार कर सकेगी।
कैस्ट्रोल इंडिया की विविध भागीदारी
Castrol का कारोबार सिर्फ ऑटोमोटिव (Automotive) क्षेत्र तक सीमित नहीं है। हाल के वर्षों में कंपनी डेटा सेंटर्स (Data Centers) के लिए लिक्विड कूलिंग (Liquid Cooling) टेक्नोलॉजी विकसित कर रही है, जिससे सर्वरों की ओवरहीटिंग (Overheating) समस्या का समाधान किया जा सके। इसके अलावा, Castrol का नाम NBA, WNBA और मोटरस्पोर्ट्स (Motorsports) जैसी वैश्विक स्पोर्ट्स पार्टनरशिप के जरिए भी जुड़ा हुआ है।
Elliott Investment का दबाव
BP में करीब 3.7 अरब पाउंड (4.7 अरब डॉलर) की हिस्सेदारी रखने वाली एलियट इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट (Elliott Investment Management) कंपनी पर लगातार दबाव बना रही है कि वह खर्चों में कटौती करे और कुछ हिस्सेदारी बेचे ताकि उसकी वित्तीय स्थिति मजबूत हो सके।
केस्ट्रोल कंपनी की शुरुआत और संघर्ष की कहानी
कैस्ट्रॉल (Castrol) एक प्रमुख ल्यूब्रिकेंट (स्नेहक) कंपनी है, जिसका इतिहास 19वीं सदी के अंत तक जाता है। इसकी स्थापना 1899 में चार्ल्स “चीयर्स” वेकफील्ड ने ‘सीसी वेकफील्ड एंड कंपनी’ के नाम से की थी। वेकफील्ड ने एक ऐसे ल्यूब्रिकेंट की आवश्यकता महसूस की जो ऑटोमोबाइल और विमानन उद्योगों की बढ़ती मांगों को पूरा कर सके। उन्होंने अरंडी के तेल (कैस्टर ऑयल) को ल्यूब्रिकेंट्स में मिलाकर एक नया उत्पाद विकसित किया, जिसे ‘कैस्ट्रॉल’ नाम दिया गया। यह नाम ‘कैस्टर ऑयल’ से प्रेरित था, जो इस नए ल्यूब्रिकेंट का मुख्य घटक था।
कैस्ट्रॉल का विकास और विस्तार
20वीं सदी की शुरुआत में, कैस्ट्रॉल ने तेजी से विस्तार किया और ऑटोमोबाइल, विमानन, समुद्री और औद्योगिक क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाई। कंपनी ने उच्च गुणवत्ता वाले ल्यूब्रिकेंट्स के विकास पर ध्यान केंद्रित किया, जो विभिन्न मशीनों और उपकरणों की प्रदर्शन क्षमता को बढ़ाने में सहायक थे। कैस्ट्रॉल के उत्पादों की विश्वसनीयता और गुणवत्ता के कारण, यह ब्रांड वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय हो गया।
भारत में कैस्ट्रॉल की उपस्थिति
भारत में, कैस्ट्रॉल की यात्रा 1910 में शुरू हुई, जब कंपनी ने यहां अपने उत्पादों का विपणन शुरू किया। धीरे-धीरे, कैस्ट्रॉल इंडिया लिमिटेड ने भारतीय ल्यूब्रिकेंट बाजार में अपनी मजबूत पकड़ बना ली। कंपनी के पास भारत में तीन ब्लेंडिंग प्लांट्स हैं और इसका वितरण नेटवर्क 350 डिस्ट्रीब्यूटर्स और एक लाख से अधिक रिटेल आउटलेट्स तक फैला हुआ है।
वर्तमान कारोबार और वित्तीय स्थिति
कैस्ट्रॉल इंडिया लिमिटेड ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में ₹3,877 करोड़ का राजस्व अर्जित किया। कंपनी का बाजार पूंजीकरण लगभग ₹14,372 करोड़ है, जो इसे भारत की प्रमुख ल्यूब्रिकेंट कंपनियों में से एक बनाता है। कंपनी का रिटर्न ऑन इक्विटी (आरओई) 64.81% है, जो इसकी वित्तीय सुदृढ़ता को दर्शाता है। इसके अलावा, कंपनी का प्रमोटर होल्डिंग 51% है, जो निवेशकों के विश्वास को प्रतिबिंबित करता है।
कर्मचारियों की संख्या और प्रबंधन
कैस्ट्रॉल इंडिया लिमिटेड में वर्तमान में लगभग 630 कर्मचारी कार्यरत हैं। कंपनी का मुख्यालय मुंबई में स्थित है। कंपनी के प्रमुख अधिकारियों में राकेश मखीजा (स्वतंत्र अध्यक्ष), केदार लेले (प्रबंध निदेशक), सौगत बसुराय (बी2सी सेल्स प्रमुख और पूर्णकालिक निदेशक), और दीपेश बक्सी (मुख्य वित्तीय अधिकारी और पूर्णकालिक निदेशक) शामिल हैं।
उत्पाद पोर्टफोलियो और नवाचार
कैस्ट्रॉल इंडिया विभिन्न उच्च गुणवत्ता वाले ल्यूब्रिकेंट्स का उत्पादन करती है, जो ऑटोमोटिव, औद्योगिक, समुद्री और ऊर्जा क्षेत्रों में उपयोग किए जाते हैं। कंपनी के प्रमुख ब्रांडों में कैस्ट्रॉल एक्टिव, कैस्ट्रॉल पावर1, कैस्ट्रॉल जीटीएक्स, कैस्ट्रॉल मैग्नेटेक, कैस्ट्रॉल एज, कैस्ट्रॉल सीआरबी टर्बो, कैस्ट्रॉल वेक्टर और कैस्ट्रॉल गो शामिल हैं।
नवाचार के क्षेत्र में, कैस्ट्रॉल इंडिया ने इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए आवश्यक तरल पदार्थ (ईवी फ्लुइड्स) विकसित किए हैं, जो ईवी क्षेत्र में कंपनी के योगदान को दर्शाते हैं। इसके अलावा, कंपनी ने डेटा सेंटर्स के लिए ‘कैस्ट्रॉल ऑन’ इमर्शन कूलिंग फ्लुइड लॉन्च किया है, जो सर्वरों की ओवरहीटिंग समस्या का समाधान करता है।
रणनीतिक साझेदारियां और निवेश
कैस्ट्रॉल इंडिया ने अपनी बाजार उपस्थिति को मजबूत करने के लिए विभिन्न रणनीतिक साझेदारियां की हैं। कंपनी ने केटीएम कप 2024 रेसिंग चैंपियनशिप के लिए केटीएम के साथ आधिकारिक प्रदर्शन भागीदार के रूप में करार किया है। साथ ही, मुंबई इंडियंस के साथ भी क्रिकेट लीग में साझेदारी की है। इसके अलावा, कंपनी ने बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान को ब्रांड एंबेसडर के रूप में जोड़ा है, जिससे ब्रांड की पहचान और मजबूत हुई है।
नवंबर 2022 में, कैस्ट्रॉल इंडिया ने टीवीएस ऑटोमोबाइल सॉल्यूशंस की डिजिटल अनुषंगी ‘की मोबिलिटी सॉल्यूशंस’ में 7.09% हिस्सेदारी खरीदी। यह निवेश ₹487.5 करोड़ का था और पूरी तरह नकद में किया गया। इस रणनीतिक निवेश का उद्देश्य इंटरनल कंबस्शन इंजन (आईसीई) और इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) दोनों के लिए सेवा और रखरखाव में अपनी उपस्थिति का विस्तार करना है।
सामाजिक उत्तरदायित्व और पर्यावरणीय पहल
कैस्ट्रॉल इंडिया सामाजिक उत्तरदायित्व और पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रतिबद्ध है। कंपनी ने 30% रीसायकल प्लास्टिक वाली बोतलें पेश की हैं और अपने पातालगंगा प्लांट में 100% नवीकरणीय बिजली का उपयोग