
Gold Price : सोना, जिसे हमेशा से सुरक्षित निवेश का प्रतीक माना जाता है, इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। भारत समेत वैश्विक बाजारों में सोने की कीमतें अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच चुकी हैं। जहां भारत में सोने का भाव 90,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास कारोबार कर रहा है, वहीं कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि आने वाले समय में इसमें भारी गिरावट देखने को मिल सकती है। कहा जा रहा है कि सोने की कीमतें 56,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक नीचे आ सकती हैं। लेकिन क्या वाकई ऐसा संभव है? इस गिरावट के पीछे क्या कारण हो सकते हैं और यह कब तक हो सकता है? आइए, इस पूरे मामले को विस्तार से समझते हैं।
Will Gold Price Fall Rs 56000 Level : सोने की कीमतों को लेकर मॉर्निंगस्टार की भविष्यवाणी ने बाजार में हलचल मचा दी है। अगर यह सच साबित होती है, तो 56,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक की गिरावट देखने को मिल सकती है। लेकिन दूसरी ओर, बैंक ऑफ अमेरिका और गोल्डमैन सैक्स जैसे संस्थानों की बढ़ोतरी की भविष्यवाणी भी कम मजबूत नहीं है। ऐसे में यह कहना अभी मुश्किल है कि सोने का भविष्य क्या होगा। बाजार के जानकारों की मानें तो आने वाले कुछ साल सोने के निवेशकों के लिए रोमांचक और अनिश्चितता से भरे हो सकते हैं।
56,000 रुपये तक गिरावट का दावा कहां से आया?
Today Gold Price : ईटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका की जानी-मानी फर्म मॉर्निंगस्टार के एनालिस्ट जॉन मिल्स ने सोने की कीमतों में बड़ी गिरावट की भविष्यवाणी की है। उनके अनुसार, अगले कुछ सालों में सोने के दाम में करीब 38% की कमी आ सकती है। अगर यह अनुमान सही साबित होता है, तो भारत में सोने की कीमतें मौजूदा 90,000 रुपये से घटकर लगभग 55,000-56,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती हैं। जॉन मिल्स ने इस संभावित गिरावट के पीछे कुछ ठोस कारण भी गिनाए हैं, जिन्हें समझना जरूरी है।
सोने की कीमतों में गिरावट के संभावित कारण
- सप्लाई में बढ़ोतरी: सोने की कीमतों पर असर डालने वाला एक बड़ा कारण इसकी आपूर्ति में बढ़ोतरी हो सकता है। 2024 की दूसरी तिमाही में खनन से होने वाला लाभ 950 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गया है। इसके साथ ही, वैश्विक सोने के भंडार में भी 9% की बढ़ोतरी हुई है, जो अब 2,16,265 टन तक पहुंच गया है। जब बाजार में सोने की उपलब्धता बढ़ती है, तो इसके दाम आमतौर पर कम होने की संभावना बढ़ जाती है।
- डिमांड में कमी: जहां एक तरफ सोने की सप्लाई बढ़ रही है, वहीं दूसरी ओर इसकी मांग में कमी देखने को मिल रही है। दुनिया भर के केंद्रीय बैंक, जो सोने के बड़े खरीदार होते हैं, अब अपनी खरीदारी की गति धीमी करने की तैयारी में हैं। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के एक सर्वे के अनुसार, 71% केंद्रीय बैंक अपने सोने के भंडार को либо कम करने की योजना बना रहे हैं या फिर इसे मौजूदा स्तर पर बनाए रखना चाहते हैं। मांग घटने से कीमतों पर दबाव पड़ना स्वाभाविक है।
- चरम स्तर पर पहुंचा बाजार: 2024 में सोने के क्षेत्र में मर्जर और अधिग्रहण की गतिविधियों में 32% की बढ़ोतरी हुई है। यह इस बात का संकेत है कि बाजार में सोने की कीमतें अपने चरम पर हैं। जब कोई बाजार अपने उच्चतम स्तर पर होता है, तो उसमें सुधार या गिरावट की संभावना बढ़ जाती है।
क्या सभी का अनुमान एक जैसा है?
Latest Gold Prices : हालांकि मॉर्निंगस्टार की रिपोर्ट सोने की कीमतों में गिरावट की बात कह रही है, लेकिन कुछ बड़े वित्तीय संस्थान इसके उलट राय रखते हैं। उदाहरण के लिए, बैंक ऑफ अमेरिका का अनुमान है कि अगले दो सालों में सोने की कीमतें 3,500 डॉलर प्रति औंस तक जा सकती हैं। वहीं, गोल्डमैन सैक्स का मानना है कि 2024 के अंत तक यह 3,300 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकता है। अगर ये अनुमान सही हुए, तो भारतीय बाजार में सोने का भाव 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है। ऐसे में निवेशकों के सामने एक बड़ा सवाल है कि आखिर किसकी भविष्यवाणी पर भरोसा किया जाए।
कब तक आएगा यह बदलाव?
Sone Ka Bhav : सोने की कीमतों में इतनी बड़ी गिरावट या बढ़ोतरी कब होगी, इसका सटीक समय बताना मुश्किल है। मॉर्निंगस्टार की रिपोर्ट में “अगले कुछ सालों” की बात कही गई है, जो 2 से 5 साल तक का समय हो सकता है। वहीं, बैंक ऑफ अमेरिका और गोल्डमैन सैक्स ने 2024 के अंत से लेकर 2026 तक की समयसीमा का जिक्र किया है। यह सब वैश्विक आर्थिक स्थिति, ब्याज दरों, मुद्रास्फीति और भू-राजनीतिक घटनाओं पर निर्भर करेगा।

निवेशकों के लिए क्या मतलब?
अगर आप सोने में निवेश करने की सोच रहे हैं या पहले से निवेश कर चुके हैं, तो इन विरोधाभासी अनुमानों को देखकर आपके मन में उलझन हो सकती है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि सोने में निवेश को अपने पोर्टफोलियो का एक छोटा हिस्सा ही रखें और बाजार की गतिविधियों पर नजर बनाए रखें। कीमतों में गिरावट की संभावना उन लोगों के लिए अच्छी खबर हो सकती है जो सोना खरीदना चाहते हैं, लेकिन अगर कीमतें बढ़ती हैं, तो मौजूदा निवेशकों को फायदा होगा।
तीन साल में इस तरह बढ़ी कीमतें
पिछले 3 साल में सोने की कीमतों में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। भारत में सोने की दरें वैश्विक बाजार, मांग-आपूर्ति, मुद्रास्फीति और आर्थिक स्थितियों जैसे कई कारकों से प्रभावित होती हैं। पिछले 3 साल में वर्ष 2022, 2023 और 2024 में औसत सोने के भाव (24 कैरेट, प्रति 10 ग्राम) को रुपए में दर्शाया गया है।
वर्ष | औसत सोने का भाव (रु./10 ग्राम) | बढ़ोतरी (लगभग रु.) | बढ़ोतरी प्रतिशत (लगभग) |
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2022 | 52,000 | – | – |
2023 | 60,000 | 8,000 | 15.4% |
2024 | 62,000 | 12,000 | |
जनवरी 2025 | 75000 | 3,500 | |
फरवरी 2025 | 78500 | 6,500 | |
मार्च 2025 | 85,000 |
Gold Price Growth : सोने की कीमतें
- 2022: साल 2022 में सोने की कीमतें औसतन 52,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास रहीं। इस साल वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, रूस-यूक्रेन युद्ध, और बढ़ती मुद्रास्फीति के कारण सोने की मांग में वृद्धि हुई, जिससे कीमतों में स्थिरता के साथ हल्की बढ़ोतरी देखी गई।
- 2023: 2023 में सोने की औसत कीमत लगभग 60,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई। इस साल अमेरिका और यूरोप में बैंकिंग संकट, कमजोर डॉलर, और सुरक्षित निवेश की मांग ने सोने को समर्थन दिया, जिससे कीमतों में लगभग 8,000 रुपये (15.4%) की बढ़ोतरी हुई।
- 2024: 2024 में सोने की कीमतें और बढ़ीं, और औसतन 74,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गईं। भू-राजनीतिक तनाव, वैश्विक मुद्रास्फीति, और केंद्रीय बैंकों की सोने की खरीदारी ने इसमें योगदान दिया। 2023 से 2024 तक करीब 14,000 रुपये (23.3%) की वृद्धि हुई।
- 2024 का डेटा पूरे साल के लिए अनुमानित औसत है, क्योंकि आज की तारीख 8 अप्रैल 2025 है, और साल अभी पूरा नहीं हुआ है। 2024 की शुरुआत में सोने की कीमत 62,000 रुपये थी, जो साल के अंत तक 74,000 रुपये तक पहुंच गई। इस तरह पूरे साल में लगभग 12,000 रुपये (19.35%) की बढ़ोतरी हुई। यह वृद्धि पिछले सालों (2022 और 2023) की तुलना में अधिक तेज थी, जो सोने के प्रति बढ़ते रुझान को दर्शाती है।
- जनवरी से मार्च 2025 तक: 76,000 रुपये से 81,000 रुपये तक, यानी कुल 5,000 रुपये की बढ़ोतरी।
- प्रतिशत में वृद्धि: लगभग 6.58% (76,000 से 81,000 तक)।