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इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर साइंटिफिक स्प्रिचुअलिज्म (IASS) मेरठ के तत्वावधान में राजसमन्द में मानस योग साधना पर आधारित तृतीय सात दिवसीय योग एवं स्वास्थ्य साधना शिविर का शुभारम्भ आज अणुव्रत विश्व भारती,राजसमन्द पर भगवान राम की छवि के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। शिविर आयोजन समिति के संरक्षक जगदीश व्यास एवं मानस सेवा साधना परिवार के स्थानीय साधक बालमुकुन्द तोतला ने मेरठ से पधारे, प्रशिक्षक डॉ. श्री गोपाल शास्त्री का स्वागत एवं अभिनन्दन किया। गोपाल शास्त्री ने कहा कि कब, क्या व कितना खाना है इसकी प्राकृतिक वैज्ञानिकता को समझना होगा।

कार्यक्रम संचालक कमल किशोर व्यास ने बताया की शिविर के उद्घाटन सत्र में संरक्षक जगदीश व्यास ने शिविरार्थियों को निरोगी जीवन की शुभकामना देते हुए कहा की गोपाल शास्त्री जी का प्रयास समाज को रोगमुक्त जीवन जीने हेतु प्रेरित कर रहा है। प्रथम सत्र का प्रारंभ ऊँकार के उच्चारण और ध्यान से करते हुवे डॉ. गोपाल शास्त्री ने निरोगी मानव शरीर की महत्ता पर बल देते हुए कहा की यह मानव शरीर देवताओं को भी दुर्लभ है इसे स्वस्थ बनाये रखना हमारा कर्तव्य है जो की आदर्श भोजन प्रणाली के माध्यम से ही प्राप्त किया जा सकता है | ईश्वर ने जो शरीर बनाया है वह स्वयं हर प्रकार के रोगों का निदान करने में स्वयं सक्षम है बशर्ते हमें इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाना होगा। उन्होंने शिविर में आए लोगों से ही प्रश्न करते हुए इस आश्चर्यजनक तथ्य को जाहिर किया की वर्तमान में इस पुरे ब्रह्माण्ड पर सबसे अधिक रोग ग्रस्त प्राणी यदि कोई है तो वह इंसान अथवा इंसान के संपर्क में आने वाला अन्य कोई जीव है क्योकि उसने चिकित्सा का पूरा शास्त्र लिख डाला लेकिन प्रकृति ने जो निरोगी एवं दुर्लभ मानव शरीर बनाया है उसे समझने, जानने एवं प्रकृति के अनुकूल जीवनयापन करने की बजाय अनेकानेक भ्रांतियों के चलते इसे रोगी बनाने का पूर्ण प्रबंध कर लिया है।

भोजन कैसे करें : Healthy Tips

भोजन करने के विषय में उन्होंने उदाहरण से स्पष्ट किया की भोजन दैनिक जीवनी शक्ति प्रदान नहीं करता अपितु निर्धारित समय तक शरीर का निर्माण और उसके बाद संरक्षण का कार्य करता है, लेकिन भोजन नियत मात्रा में होना चाहिए। अधिक मात्रा में किया गया भोजन शरीर पर दुष्परिणाम डालता है। प्रकृति ने स्वयं सब व्यवस्थाये श्रेष्ठतम मानव जीवन के लिए अनुकूल बनाई है। पहला सुख निरोगी काया पर प्रकाश डालते हुवे जीवन में सुखी रहने के लिए स्वस्थ रहना आवश्यक है और स्वस्थ रहने के लिए कब, क्या और कितना खाना है इसकी प्राकृतिक वैज्ञानिकता को समझना होगा।

शिविर में की गई जांचे

शिविर प्रभारी डॉ. रजनी चौधरी ने बताया की शिविर प्रारंभ होने से पूर्व सभी शिविर में आने वाले लोगों की विभिन्न प्रकार की चिकित्सकीय जांचे की गयी। अस्थमा, मधुमेह, मोटापा, हृदय रोग, पेट संबंधी रोग, निम्न व उच्च रक्तचाप, सायटिका, गठिया, त्वचा रोग, जोड़ो के दर्द आदि सभी रोगों में शिविर में आने वाले लोगों ने लाभ प्राप्त किया। राजसमन्द में मानस सेवा साधना परिवार की नियमित साधक पुष्पा तोतला ने बताया की आदर्श भोजन प्रणाली के बारे में प्रायोगिक अनुभव देने हेतु शिविर में प्रातः विभिन्न प्राकृतिक वनस्पतियों का सूप बनाकर शिविरार्थियों को दिया गया। दोपहर के भोजन हेतु अंकुरित अनाज, विभिन्न पत्तो की चटनी, सलाद आदि का सेवन कराया गया।

Health Camp : पहले आयोजित हुए थे शिविर

मीडिया प्रभारी जितेन्द्र लड्ढा ने बताया की पूर्व में भी इस प्रकार के शिविर राजसमन्द में आयोजित किये गए थे, जिसके फलस्वरूप कई राजसमन्दवासी आज रोग मुक्त जीवनयापन कर रहे है। उसी का परिणाम है की आज पुनः राजसमन्द में आयोजित इस शिविर में 150 से अधिक शिविरार्थी राजस्थान के अनेक जिलों एवं अन्य प्रदेशों से भाग ले रहे है। बालमुकुन्द तोतला, जगदीश व्यास, सुरेश व्यास, हरी भगवान बंग, नेमीचंद पालीवाल, सुधीर व्यास, सीमा झंवर, दिनेश झंवर, भगवती प्रसाद व्यास, मोहित तोतला आदि ने शिविर संबंधी व्यवस्थाओं में सहयोग किया।