
Holi Astrology : रंगों का त्योहार होली हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष 13 मार्च की रात को होलिका दहन होगा और 14 मार्च को रंगों की होली खेली जाएगी। रंगों से होली खेलने की परंपरा के पीछे कई पौराणिक कथाएँ हैं। एक प्रमुख कथा यह है कि होली खेलने की शुरुआत स्वयं श्रीकृष्ण और राधा ने की थी। इसी कारण, भक्तजन होली की शुरुआत सबसे पहले श्रीकृष्ण को रंग अर्पित कर करते हैं।
Holi Festival : होली केवल रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से भी विशेष महत्व रखता है। यदि इस पर्व पर राशि अनुसार रंगों का प्रयोग किया जाए और भगवान को वही रंग अर्पित किया जाए, तो यह जीवन में शुभता और सकारात्मकता ला सकता है। साथ ही, यह पर्व हमें प्रेम, सौहार्द और भाईचारे का संदेश देता है। आइए, इस होली पर हम सभी भेदभाव भूलकर प्रेम और उल्लास के रंगों में रंग जाएं। आप सभी को होली की हार्दिक शुभकामनाएं।
कृष्ण-राधा की प्रेम भरी होली
Holi Colors Meaning : लोककथाओं के अनुसार, द्वापर युग में बालकृष्ण ने अपनी माता यशोदा से एक प्रश्न किया था कि राधा इतनी गोरी क्यों हैं और वे स्वयं श्यामवर्ण के क्यों हैं? माता यशोदा ने इस पर मुस्कराते हुए सुझाव दिया कि वे राधा के चेहरे पर कोई भी रंग लगाकर उन्हें अपनी तरह बना सकते हैं। यह सुनकर बालकृष्ण ने राधा को रंगों से रंग दिया और राधा ने भी कृष्ण को रंग दिया। तभी से ब्रजभूमि में रंगों से होली खेलने की परंपरा शुरू हुई।
आज भी मथुरा, वृंदावन, गोकुल और बरसाना में होली बड़े धूमधाम से मनाई जाती है। खासकर बरसाना की लट्ठमार होली और वृंदावन की फूलों की होली पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं। इन स्थानों पर होली का उत्सव कई दिनों तक चलता है, जिसमें देश-विदेश से भक्तजन भाग लेते हैं।
राशि अनुसार रंग अर्पित की मान्यता, देखिए
पंडित जितेंद्र शर्मा, कसार के अनुसार, यदि होली पर राशि अनुसार भगवान को विशेष रंग चढ़ाया जाए, तो यह कुंडली के ग्रह दोषों के निवारण में सहायक हो सकता है। प्रत्येक राशि के लिए एक विशेष रंग शुभ माना जाता है, जो उनके ग्रह स्वामी के अनुसार तय किया जाता है। आइए जानते हैं कि किस राशि के लिए कौन-सा रंग शुभ होता है:
मेष और वृश्चिक (राशि स्वामी – मंगल ग्रह)
- इन राशि के जातकों को लाल या गुलाबी रंग से होली खेलनी चाहिए।
- यह रंग उर्जा, आत्मविश्वास और शक्ति को बढ़ाता है।
वृष और तुला (राशि स्वामी – शुक्र ग्रह)
- इनके लिए सिल्वर या सफेद रंग शुभ रहेगा।
- यह रंग सौंदर्य, सुख और वैवाहिक जीवन में खुशहाली लाता है।
मिथुन और कन्या (राशि स्वामी – बुध ग्रह)
- हरे रंग से होली खेलने से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
- यह रंग बुद्धि, व्यापार और स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है।
सिंह (राशि स्वामी – सूर्य देव)
- सिंह राशि के लोगों को पीला या नारंगी रंग प्रयोग करना चाहिए।
- यह रंग आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता को बढ़ाता है।
कर्क (राशि स्वामी – चंद्रमा)
- इनके लिए सफेद रंग शुभ होता है।
- यह रंग मानसिक शांति और स्थिरता प्रदान करता है।
धनु और मीन (राशि स्वामी – गुरु बृहस्पति)
- इन राशियों के लिए पीला रंग अत्यंत शुभ माना जाता है।
- यह रंग ज्ञान, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक है।
मकर और कुंभ (राशि स्वामी – शनि ग्रह)
- इन दो राशियों के लोगों को नीले रंग से होली खेलनी चाहिए।
- यह रंग संयम, धैर्य और सफलता को बढ़ाने वाला होता है।
भक्त प्रहलाद और होलिका की कथा
Holi Festival Story : होली का त्योहार भक्त प्रहलाद और होलिका की कथा से भी जुड़ा हुआ है। प्राचीन समय में हिरण्यकशिपु नामक असुरराज ने अपनी बहन होलिका को एक विशेष वरदान प्राप्त था, जिसके अनुसार वह अग्नि में नहीं जल सकती थी। हिरण्यकशिपु भगवान विष्णु का घोर विरोधी था और चाहता था कि उसका पुत्र प्रहलाद भी उसे भगवान मानकर उसकी पूजा करे। लेकिन प्रहलाद विष्णु भक्त थे और उन्होंने पिता की बात मानने से इनकार कर दिया।
क्रोधित होकर हिरण्यकशिपु ने प्रहलाद को मारने के लिए कई प्रयास किए, लेकिन हर बार वे भगवान विष्णु की कृपा से बच गए। अंततः होलिका ने प्रहलाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठने का प्रयास किया, ताकि वह जलकर भस्म हो जाए। लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से प्रहलाद सुरक्षित बच गए और स्वयं होलिका जलकर राख हो गई। इस घटना के बाद, भक्तों ने खुशी में रंगों से होली मनाई और तब से यह पर्व धूमधाम से मनाया जाने लगा।
होली: रंगों का पर्व और आध्यात्मिक महत्व
Holi 2025 : होली केवल रंगों का त्योहार नहीं है, बल्कि यह सामाजिक समरसता और भाईचारे का भी प्रतीक है। इस दिन सभी भेदभाव मिटाकर लोग एक-दूसरे को रंग लगाते हैं और गले मिलते हैं। साथ ही, यह त्योहार सकारात्मकता और बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देता है।
रंगों की यह परंपरा जीवन में उत्साह और उमंग भरने के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। खासतौर पर होली के रंगों का ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी विशेष महत्व होता है। यदि उचित रंगों का चयन किया जाए, तो इससे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।