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Laughing Buddha : अक्सर आपने दुकानों या घरों में लाफिंग बुद्धा को तो देखा ही होगा। लोग इन्हें सुख-समृद्ध और गुड लक लाने की वजह से इन्हें घरा और दुकानों में रखते है। लेकिन क्या आपको पता है कि लाफिंग बुद्धा थे कौन? और इनकी हंसी के पीछे का आखिर राज क्या है? चलिए जानते है इसके पीछे का राज। laughing buddha China

laughing buddha history : हंसी के पीछे का राज जो बताया जाता है वो ये है कि महात्मा बुद्ध के एक शिष्य होतेई हुआ करते थे। माना जाता है कि जब होतेई को ज्ञान की प्राप्ति हुई तब वो जोर-जोर से हंसने लगे। इसके बाद से उन्होंने अपने जीवन का एक मात्र उद्देश्य हंसने को बना लिया। बताया जाता है कि वो जहां भी जाते वहां जाकर लोगों को अपना पेट दिखाते और जोर-जोर से हंसने लगते। यही कारण था कि जापान और चीन में लोग उन्हें हंसता हुआ बुद्धा बुलाने लगे, जिसको अंग्रेज में लाफिंग बुद्धा कहते हैं।

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Gods Laughing Budha : हंसने के संदेश का देश-दुनिया में किया प्रचार

Gods Laughing Budha : होतेई के अनुयायियों ने भी उनके इस हंसने के संदेश का देश-दुनिया में प्रचार किया। चीन में तो होतई यानी लाफिंग बुद्धा के अनुयायियों ने उनका इस कदर प्रचार किया कि वहां के लोग उन्हें भगवान मानने लगे। वहां लोग इनकी मूर्ति को गुड लक के तौर पर घरों में रखने लगे। हालांकि चीन में लाफिंग बुद्धा को पुताइ के नाम से जाना जाता है। जैसे भारत में भगवान कुबरे को धन का देवता माना जाता है ठीक उसी तरह चीन में लाफिंग बुद्धा को ही सब कुछ माना जाता है।

Money laughing buddha : पूजनीय देवता या भाग्यशाली प्रतीक?

लाफिंग बुद्धा, जिन्हें होतेई या बुद्धई के नाम से भी जाना जाता है, पूर्वी एशिया में एक लोकप्रिय प्रतिमा हैं, खासकर चीन में।

चीन में मान्यताएं:

  • सौभाग्य और समृद्धि: लाफिंग बुद्धा को सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। उनका मोटा पेट सुख-समृद्धि का प्रतीक है, और उनकी हंसी खुशी और संतोष का प्रतीक है।
  • दुःख दूर करना: ऐसा माना जाता है कि लाफिंग बुद्धा नकारात्मक ऊर्जा को दूर करते हैं और सकारात्मक ऊर्जा लाते हैं।
  • पूजा: उनकी मूर्तियों को घरों, दुकानों और कार्यालयों में रखा जाता है, और उन्हें सौभाग्य और समृद्धि लाने के लिए पूजा जाता है।
  • भाग्य वृद्धि: कुछ लोग उनका पेट भी मलते हैं, यह मानते हुए कि इससे अच्छी किस्मत आएगी।

इतिहास:

  • मूल: होतेई चीन के 5वीं शताब्दी के एक बौद्ध भिक्षु थे।
  • मैत्रेय बोधिसत्व: उन्हें मैत्रेय बोधिसत्व का अवतार माना जाता है, जो भविष्य में आने वाले बुद्ध होंगे।
  • परिवर्तन: समय के साथ उनकी छवि हंसते हुए मोटे भिक्षु में बदल गई।

धार्मिक महत्व:

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि लाफिंग बुद्धा को चीन में भगवान नहीं माना जाता है।

  • बौद्ध धर्म: वे बौद्ध धर्म में एक सम्मानित व्यक्ति हैं।
  • प्रतीक: वे सौभाग्य, समृद्धि, खुशी और संतोष का प्रतीक हैं।

अन्य देशों में:

  • पूर्वी एशिया: लाफिंग बुद्धा की मूर्तियां दुनिया भर में लोकप्रिय हैं, खासकर पूर्वी एशिया में।
  • सजावट: उन्हें सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है, और अक्सर उन्हें घरों और व्यवसायों में सजावट के रूप में रखा जाता है।