MBA Job Problem : दुनिया के किसी अच्छे इंस्टीट्यूट से मैनेजमेंट की डिग्री लेना यानी एमबीए करना अब अच्छे जॉब की गारंटी नहीं रह गई है। इसकी वजह यह है कि एमबीए ग्रेजुएट्स के लिए जॉब मार्केट अब पहले से ज्यादा प्रतिस्पर्धी हो गया है। हार्वर्ड बिजनेस स्कूल ने खुलासा किया है कि उसके 2024 बैच के 23% ग्रेजुएट्स डिग्री लेने के तीन महीने बाद भी नौकरी की तलाश में हैं। यह आंकड़ा पिछले साल 20% था। 2022 में डिग्री लेने के 3 महीने तक नौकरी नहीं पाने वाले ग्रेजुएट्स 10% थे। यानी महज 2 साल में डिग्री के 3 महीने बाद नौकरी नहीं पाने वाले छात्रों की संख्या दोगुना बढ़ गई है। कई लोगों को अस्थायी काम करना पड़ा है हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में करिअर डेवलपमेंट देखने वाली क्रिस्टन फिट्जपैट्रिक कहती हैं कि अब अकेले एमबीए नौकरी की गारंटी नहीं देता। यह ट्रेंड केवल हार्वर्ड बिजनेस स्कूल का नहीं है। व्हार्टन स्टैनफोर्ड और एनवाईयू स्टर्न स्कूल ऑफ बिजनेस जैसे कई दूसरे टॉप बी- स्कूलों में भी जॉब प्लेसमेंट में गिरावट देखी जा रही है। कई में यह ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंच गई है। अमेजन, गूगल और मैकिंजी जैसी कंपनियों ने एमबीए ग्रेजुएट्स की हायरिंग कम कर दी है। जो नौकरी पा रहे हैं, उन्हें ऊंचा वेतन मिल रहा है। शुरुआती वेतन औसतन 1.5 करोड़ रुपए है। How to find job after MBA
Mba job problem in india : देश में एमबीए ग्रेजुएट्स को छात्र को नौकरी मिलने की संभावना बढ़ रही
Mba job problem in india : भारत में एमबीए ग्रेजुएट्स को नौकरी मिलने की संभावना तेजी से बढ़ रही है। स्टैटिस्टा के डेटा के मुताबिक भारत में एमबीए ग्रेजुएट्स की एम्पलॉयबिलिटी यानी नौकरी मिलने के चांस 2015 में 44% थे, जो 2024 में 71% तक पहुंच गए। एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक देश में एमबीए ग्रेजुएट्स की एम्पलॉयबिलिटी औसतन 2023 में 54% थी जो अन्य प्रोफेशनल कोर्सेस की तुलना में ज्यादा है। भारत में बी स्कूल के मैनेजमेंट ग्रेजुएट्स की शुरुआती सैलरी 5-7 लाख है।
Jobs after MBA and salary : एआई से छात्रों में स्किल गैप दूर कर रहीं संस्थाएं
Jobs after MBA and salary : कई छात्रों के लिए अनिश्चितता परेशान करने वाली है। ड्यूक स्नातक निखिल श्रीकुमार कहते हैं कि 500 प्रयासों के बाद उन्हें नौकरी मिली। ये प्रतीक्षा वित्तीय और भावनात्मक रूप से चुनौतीपूर्ण है। इंडस्ट्री में घटती हायरिंग से निपटने के लिए, एमबीए स्टूडेंट्स केवल ब्रांडेड बिजनेस स्कूल के नाम पर निर्भर रहने के बजाय और भी कोशिशें कर रहे हैं। ये स्टूडेंट्स नेटवर्किंग, पूर्व छात्रों के साथ संपर्क बनाने और अपने स्किल को अपग्रेड करने पर भी फोकस कर रहे हैं। एचबीएस जैसे कुछ स्कूल, अपने ग्रेजुएट्स को स्किल-गैप की पहचान करने और उससे संबंधित कोर्स करने में मदद करने के लिए एआई टूल की टेस्टिंग भी कर रहे हैं। MBA job opportunities