Nagnechi Mata Temple : नागणेची माता का मन्दिर राजस्थान में बाड़मेर जिले के नागाणा गांव में स्थित है। यह मन्दिर जोधपुर से 96 किमी. की दूरी पर है। प्राचीन ख्यातों और इतिहास ग्रंथों के अनुसार मारवाड़ के राठौड़ राज्य के संस्थापक राव सिन्हा के पौत्र राव धूहड़ (विक्रम संवत 1349-1366) ने सर्वप्रथम इस देवी की मूर्ति स्थापित कर मंदिर बनवाया था।
नागणेची माता किस राजवंश की कुलदेवी हैं? उनका मंदिर कहाँ है?
- नागणेची माता इतिहास : Nagnechya Mata Temple Address : Nagnechi Mata Temple, Village Nagana, Kalyanpur, Nagana, District Badmer, Rajasthan (india) 344026
- नागणेची माता का मंत्र : श्री नागणेची माता नमः चक्रेश्वरी बलस्थाने राठेश्वरी रठ। पंखणी सप्तमात्रेण नागणेच्या मां नमोस्तुते।।
- नागणेची माता इतिहास : मारवाड़ के राठौड़ राज्य के संस्थापक राव सिहा के पौत्र राव धूहड़ ( विक्रम संवत 1349-1366) ने सर्वप्रथम इस देवी की मूर्ति स्थापित कर मंदिर बनवाया ।
- नागणेची माता का चमत्कार : दर पर आए हर व्यक्ति की मनोकामना पूर्ण होने की मान्यता।
- नागणेची माता किसकी कुलदेवी है : राठौड़ वंश की
- नागणेची माता मंदिर, नागाणा, बाड़मेर संपर्क सूत्र : 9414334452
मंदिर का पता : गूगल मेप से देखें : https://maps.app.goo.gl/9FZAvmvW1ujGLbBeA
Nagnechi Mata : नागणेची माता मंदिर के इतिहास की रोचक कहानी
राठौड वंश की कुल देवी है मां नागणेची जी। राजस्थान के राठौड़ राजवंश की कुलदेवी चक्रेश्वरी नागणेची या नागणेचिया के नाम से प्रसिद्ध है । प्राचीन ख्यातों और इतिहास ग्रंथों के अनुसार मारवाड़ के राठौड़ राज्य के संस्थापक राव सिहा के पौत्र राव धूहड़ ( विक्रम संवत 1349-1366) ने सर्वप्रथम इस देवी की मूर्ति स्थापित कर मंदिर बनवाया । राजा राव धूहड़ दक्षिण के कोंकण (कर्नाटक) में जाकर अपनी कुलदेवी चक्रेश्वरी की मूर्ति लाये और उसे पचपदरा से करीब 7 मील पर नागाणा गाँव में स्थापित की, जिससे वह देवी नागणेची नाम से प्रसिद्ध हुई। नमक के लिए विख्यात पचपदरा बाड़मेर जोधपुर सड़क का मध्यवर्ती स्थान है जिसके पास (7 कि.मी.) नागाणा में देवी मंदिर स्थित है।…. पूरी खबर देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करिए….
Nagnechi Mata ki Aarti : नागणेची माता की आरती
सेवक की सुन मेरी कुल माता, हाथ जोड़ हम तेरे द्वार खड़े।
धुप दीप नारियल ले हम, माँ नागणेचियां के चरण धरे ।।
क्षत्रिय कुल राठौडो की माँ, हो खुश हम पर कृपा करें।
नागणेचियां माँ को नमन् है, कष्ठ हमारे माता दूर करे ।।
नाग रूप धर कर माँ, तुमने राव धुहड़ को आदेश करे।
कलयुग में कल्याण करण को, माँ तुमने विविध रूप धरे ।।
कृपा द्रष्टि करो हम पर माँ, तेरी कृपा से हो वंश हरे भरे !
दोष न देख अपना लेना, अच्छे बुरे पूत हम तवरे ।।
बुद्धि विधाता तुम कुल माता, हम सब का उद्धार करें।
चरण शरण का लिया आसरा, तेरी कृपा से सब काज सरे ।।
बांह पकड़ कर आप उठावो, हम तो शरण तेरी आन पड़े।
जब भीड़ पड़े भक्तों पर, माँ नागणेचियां सहाय करे ।।
नागणेचियां की आरती जो गावे, माँ उसके भण्डार भरे।
दर्शन तांई जो कोई आवे, माँ उसकी मंशा पूरी करे ।।
कुलदेवी को जो भी ध्यावे, माँ उसके कुल में वृद्धि करें।
कलि में कष्ठ मिटेंगे सारे, माँ की जो जय जयकार करे ।।
राठौड़ कुळ ले विन्नति , हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़ा।
धुप दीप और नारियल ले , माँ तुम्हारे चरण पडा ।।