
Nagpur violence : महाराष्ट्र में औरंगजेब कब्र विवाद को लेकर भड़की हिंसा ने सोमवार रात नागपुर के महाल इलाके को हिलाकर रख दिया। हिंसा के दौरान पथराव, आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आईं। हालात को काबू में करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। पुलिस ने 55 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है।
सोमवार को हिंदू संगठनों द्वारा औरंगजेब की कब्र विवाद को लेकर महाराष्ट्र के विभिन्न शहरों में प्रदर्शन किए गए। नागपुर में विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने औरंगजेब का पुतला जलाया। इस दौरान कथित रूप से आपत्तिजनक सामग्री का इस्तेमाल किया गया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो के वायरल होने के बाद, सोमवार रात करीब 8:30 बजे महाल इलाके में भीड़ ने पथराव और तोड़फोड़ शुरू कर दी। उपद्रवियों ने घरों पर पत्थर बरसाए और सड़क किनारे खड़ी गाड़ियों में आग लगा दी। हिंसा के दौरान उपद्रवियों ने पुलिस को भी निशाना बनाया। इस दौरान DCP निकेतन कदम पर कुल्हाड़ी से हमला किया गया, जिससे वे घायल हो गए।
nagpur news today : पुलिस की कड़ी कार्रवाई
nagpur news today : स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और बल प्रयोग किया। पुलिस कमिश्नर रविंद्र सिंघल ने बताया कि शहर में BNS की धारा 163 (IPC की धारा 144 की तरह) लागू कर दी गई है। इसके तहत पांच या उससे अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। शहर में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस की 20 टीमें तैनात की गई हैं। शांति बहाल करने के लिए सघन गश्त और चेकिंग भी की जा रही है। नागपुर में हिंसा
aurangzeb tomb nagpur : मुख्यमंत्री की त्वरित प्रतिक्रिया
aurangzeb tomb nagpur : हिंसा की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने देर रात भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। इसके बाद बावनकुले नागपुर के लिए रवाना हुए। मुख्यमंत्री ने उन्हें मौके की विस्तृत रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि बावनकुले नागपुर के संरक्षक मंत्री भी हैं।
aurangzeb kabar : चश्मदीदों के बयान
aurangzeb kabar : हिंसा के चश्मदीदों ने बताया कि उपद्रवी चेहरे पर कपड़ा बांधे हुए थे। उनके हाथों में तलवार, डंडे और बोतलें थीं। उन्होंने अचानक पथराव शुरू कर दिया और घरों व दुकानों में तोड़फोड़ करने लगे। कई गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया गया और कुछ में आग भी लगा दी गई। नागपुर में हुई हिंसा के बाद मुंबई में भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। मालवणी, भिंडी बाजार, कुर्ला, शिवाजी नगर-मानखुर्द और अंटॉपहिल जैसे मुस्लिम बहुल इलाकों में स्थानीय पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है। पुलिस ने सभी धर्मों के प्रमुख लोगों से संपर्क कर अफवाहों पर ध्यान न देने और शांति बनाए रखने की अपील की है।
nagpur riots today : शिंदे बोले- हिंसा एक प्लानिंग के तहत की गई
nagpur riots today : महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने एक मीडिया चैनल से बातचीत में कहा कि औरंगजेब को लेकर सोमवार दोपहर में विरोध प्रदर्शन हुआ था, लेकिन रात के समय स्थिति बिगड़ गई। उन्होंने बताया कि प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़काई गई और पुलिसकर्मियों पर पथराव किया गया। इसके अलावा कुछ असामाजिक तत्वों ने हथियारों का भी इस्तेमाल किया, जिससे कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। शिंदे ने आरोप लगाया कि यह हिंसा एक सोची-समझी साजिश के तहत की गई। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पढ़िए कैसे शुरू हुआ पूरा विवाद…
महाराष्ट्र में जारी विवाद की शुरुआत समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक अबू आजमी के बयान से हुई। 3 मार्च को अबू आजमी ने कहा कि हमें जो इतिहास पढ़ाया जा रहा है, वह पूरी तरह से पक्षपाती है। उन्होंने दावा किया कि औरंगजेब ने केवल क्रूरता नहीं की, बल्कि कई मंदिर भी बनवाए थे। आजमी ने कहा कि वे औरंगजेब को क्रूर शासक नहीं मानते। उनका यह भी कहना था कि अगर कोई यह कहता है कि यह लड़ाई हिंदू-मुस्लिम के बीच थी, तो वे इस पर विश्वास नहीं करते। आजमी के इस बयान के बाद विवाद और बढ़ गया। उन पर शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज का अपमान करने का आरोप लगाया गया। जैसे ही विरोध तेज हुआ, 4 मार्च को अबू आजमी ने अपना बयान वापस ले लिया। उन्होंने कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है, लेकिन फिर भी अगर उनके बयान से किसी की भावना आहत हुई है, तो वे इसे वापस लेते हैं।
आजमी पूरे बजट सत्र के लिए सस्पेंड
महाराष्ट्र विधानसभा में बजट सत्र के दौरान अबू आजमी को उनके विवादित बयान के चलते पूरे सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया गया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में आजमी के बयान की कड़ी निंदा की और इसे अस्वीकार्य बताया। वहीं, डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि अबू आजमी के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज होना चाहिए। उन्होंने इसे राष्ट्र की एकता और अखंडता पर हमला बताया। यह विवाद महाराष्ट्र तक ही सीमित नहीं रहा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने उत्तर प्रदेश विधानसभा में कहा कि सपा को ऐसे नेताओं को अपनी पार्टी से बाहर कर देना चाहिए, जो भारत की आस्था का अपमान करते हैं। योगी ने कहा कि यूपी ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने में देर नहीं करेगा।
औरंगजेब की कब्र ढहाने की मांग, CM फडणवीस का समर्थन
इस विवाद के बीच छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज और भाजपा सांसद उदयनराजे भोंसले ने औरंगजेब की कब्र को ढहाने की मांग की। उन्होंने कहा कि औरंगजेब एक क्रूर शासक था, जिसने भारत की संस्कृति और धर्म को क्षति पहुंचाई। भोंसले ने कहा कि एक साधारण JCB मशीन भेजकर औरंगजेब की कब्र को गिरा देना चाहिए, क्योंकि ऐसे आक्रमणकारियों का महिमामंडन करना सही नहीं है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इस मांग का समर्थन किया और कहा कि यह जनता की भावना का प्रतीक है। वहीं, तेलंगाना के भाजपा विधायक टी राजा सिंह ने भी केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को पत्र लिखकर कब्र के रखरखाव पर होने वाले खर्च की जानकारी मांगी। उन्होंने कहा कि करदाताओं का पैसा ऐसे शासकों की कब्र के संरक्षण पर खर्च नहीं होना चाहिए।

राउत बोले- ये मराठाओं के शौर्य का स्मारक
शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत ने भाजपा नेताओं की इस मांग का विरोध किया। उन्होंने कहा कि औरंगजेब की कब्र मराठाओं के शौर्य का प्रतीक है, क्योंकि यह इस बात की गवाही देती है कि किस तरह शिवाजी महाराज और मराठा सेना ने आक्रमणकारियों से लोहा लिया। राउत ने कहा कि इतिहास को मिटाना समस्या का समाधान नहीं है, बल्कि इसे भविष्य की पीढ़ी को सिखाना चाहिए। कांग्रेस विधायक विजय वडेट्टीवार ने भी भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि वे केवल जनता को भड़काना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि औरंगजेब की कब्र को हटाने के बाद भी क्या मिलेगा? उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा लोगों को धर्म के नाम पर बांटने की राजनीति कर रही है।
VHP-बजरंग दल का कब्र हटाने की मांग पर प्रदर्शन
औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल ने भी विरोध प्रदर्शन किया। बजरंग दल के नेता नितिन महाजन ने धमकी दी कि यदि सरकार ने जल्द ही कब्र को हटाने का फैसला नहीं लिया, तो वे इसे बाबरी मस्जिद की तरह ढहा देंगे। उन्होंने कहा कि इस मामले को अब और अधिक समय तक टालना उचित नहीं होगा। VHP के क्षेत्रीय मंत्री गोविंद शेंडे ने भी कहा कि वे जिला कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपेंगे और औरंगजेब का पुतला जलाकर अपना विरोध जताएंगे। 17 मार्च को पूरे महाराष्ट्र में VHP और बजरंग दल द्वारा बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया गया। स्थिति को देखते हुए महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में औरंगजेब की कब्र की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। पुलिस बल की तैनाती बढ़ा दी गई है और लगातार निगरानी रखी जा रही है।
1707 में बनी थी औरंगजेब की कब्र
मुगल सम्राट औरंगजेब की कब्र छत्रपति संभाजीनगर से 25 किलोमीटर दूर खुल्दाबाद में स्थित है। ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार, 1707 में औरंगजेब की मृत्यु के बाद, उसकी अंतिम इच्छा के अनुसार उसे उसके आध्यात्मिक गुरु शेख जैनुद्दीन की दरगाह के पास दफनाया गया। विशेष बात यह है कि औरंगजेब की कब्र बेहद साधारण है, जो मिट्टी से बनी हुई थी। हालांकि, बाद में ब्रिटिश वायसरॉय लॉर्ड कर्जन ने इस कब्र पर संगमरमर लगवाया। यह स्थल ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है, जहां आज भी लोग श्रद्धांजलि देने पहुंचते हैं।
हिंसा कैसे हुई समझे
1. प्रदर्शन की शुरुआत और मांग
विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांग थी कि औरंगजेब की कब्र को हटाया जाए। इस मांग के समर्थन में उन्होंने अपने आक्रोश को प्रकट किया। उनके अनुसार, औरंगजेब को एक क्रूर आक्रमणकारी माना जाता है, जिसने हिंदू संस्कृति और धर्मस्थलों को नुकसान पहुंचाया। इसलिए वे उसकी कब्र को ऐतिहासिक अपमान के प्रतीक के रूप में देखते हैं और उसका अस्तित्व खत्म करने की मांग कर रहे थे।
2. पुतला जलाने की घटना
प्रदर्शनकारियों ने औरंगजेब का पुतला बनाकर उसे आग के हवाले कर दिया। इस दौरान पुतले में कथित रूप से आपत्तिजनक सामग्री का भी इस्तेमाल किया गया। पुतले के जलते ही धुआं चारों ओर फैल गया, जिससे मौके पर मौजूद लोगों में उत्तेजना और बढ़ गई। पुतला जलाने की यह घटना आसपास के इलाकों में चर्चा का विषय बन गई।
3. वीडियो वायरल होने के बाद तनाव
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। इसके बाद एक विशेष समुदाय में आक्रोश पनपने लगा। आरोप लगाया गया कि यह घटना सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने के इरादे से की गई थी। वीडियो के वायरल होने के बाद तनावपूर्ण माहौल बन गया और कुछ स्थानों पर विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई।
4. पुलिस और भीड़ के बीच झड़प
जैसे ही स्थिति बिगड़ने लगी, पुलिस ने मौके पर पहुंचकर हालात को काबू में करने की कोशिश की। लेकिन भीड़ और पुलिस के बीच तीखी झड़प हो गई। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारी और पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। पुलिस ने हालात पर नियंत्रण पाने के लिए भीड़ को तितर-बितर करने का प्रयास किया, मगर तनाव लगातार बना रहा।
5. आगजनी और संपत्ति को नुकसान
तनाव के बढ़ने के बाद हालात हिंसक हो गए। उपद्रवियों ने सड़कों पर खड़ी गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया और कई वाहनों के शीशे तोड़ दिए। दुकानें भी इस हिंसा की चपेट में आ गईं। पथराव के कारण कई स्थानों पर संपत्ति को नुकसान पहुंचा। पुलिस ने मौके से कई लोगों को हिरासत में लिया और सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया।
इस तरह नागपुर में औरंगजेब की कब्र को लेकर शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन धीरे-धीरे हिंसा में बदल गया, जिससे पूरे क्षेत्र में तनाव की स्थिति बनी रही।
Parmeshwar Singh Chundwat ने डिजिटल मीडिया में कॅरियर की शुरुआत Jaivardhan News के कुशल कंटेंट राइटर के रूप में की है। फोटोग्राफी और वीडियो एडिटिंग में उनकी गहरी रुचि और विशेषज्ञता है। चाहे वह घटना, दुर्घटना, राजनीतिक, सामाजिक या अपराध से जुड़ी खबरें हों, वे SEO आधारित प्रभावी न्यूज लिखने में माहिर हैं। साथ ही सोशल मीडिया पर फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स, थ्रेड्स और यूट्यूब के लिए छोटे व बड़े वीडियो कंटेंट तैयार करने में निपुण हैं।