
Rajsamand : जिला कलक्टर बालमुकुंद असावा के निर्देशन में जिलेभर में चल रहे तीन दिवसीय स्वच्छता महा अभियान के दूसरे दिन भी जबरदस्त उत्साह और सहभागिता देखने को मिली। ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग और नगरीय विकास विभाग के संयोजन से चल रहे इस अभियान में जिलेभर के नागरिकों ने उत्साही रूप से भाग लिया।
दूसरे दिन अभियान के तहत नगरों और गांवों में सफाई की दिशा में और अधिक कदम उठाए गए। विशेष रूप से सार्वजनिक स्थानों, स्कूलों, अस्पतालों, बस स्टैंड और धार्मिक स्थलों की सफाई पर जोर दिया गया। पुराने कचरे के ढेर और लिगेसी वेस्ट को हटाने का काम तेज़ी से किया गया। इसके साथ ही, ठेले-खोमचे व्यवसायियों द्वारा एकत्रित किए गए प्लास्टिक कचरे को सुरक्षित रूप से नष्ट करने के लिए पहल की गई। अभियान के दौरान ग्राम पंचायतों और नगर निकायों के अधिकारियों द्वारा सफाई को बढ़ावा देने के लिए विशेष बैठकें आयोजित की गईं। इस मौके पर नागरिकों से संवाद किया गया और स्वच्छता को लेकर उनकी जागरूकता को बढ़ाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया। कई सामाजिक संगठनों, एनजीओ, महिला स्वयं सहायता समूहों और अन्य नागरिकों ने अभियान में बढ़-चढ़कर भाग लिया। महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित जूट और कपड़े के बैग का वितरण भी जारी रहा, जिससे प्लास्टिक के प्रयोग को कम करने की कोशिश की जा रही है। अभियान के दूसरे दिन में प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस प्रयास के तहत नागरिकों ने अपने आसपास के क्षेत्रों को साफ रखने की जिम्मेदारी उठाई और अभियान को सफल बनाने में अपना योगदान दिया। अभियान की सफलता से जिले में स्वच्छता के प्रति जन जागरूकता में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है, और नागरिकों में इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाने की भावना मजबूत हो रही है। इस अभियान के समापन तक जिला प्रशासन का लक्ष्य है कि जिले के हर कोने में स्वच्छता की स्थायी स्थिति सुनिश्चित हो और सार्वजनिक स्थानों से सफाई संबंधी कोई भी शिकायत न आए।
जीवन में स्वच्छता का महत्व सर्वाधिक

जिले में 27 मार्च से शुरू हुआ तीन दिवसीय स्वच्छता महाअभियान जिलेभर में एक नई जागरूकता का प्रतीक बन चुका है। जिला कलक्टर बालमुकुंद असावा के निर्देशन में यह अभियान न केवल स्वच्छता को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि यह नागरिकों को एक स्वच्छ और स्वस्थ जीवन जीने के प्रति जागरूक भी कर रहा है। इस अभियान की सफलता का मुख्य कारण नागरिकों की सक्रिय भागीदारी और प्रशासन की योजनाबद्ध तैयारी है।
स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ी


स्वच्छता केवल एक शारीरिक आवश्यकता नहीं है, बल्कि यह मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य से भी जुड़ी हुई है। जब हम अपने परिवेश को स्वच्छ रखते हैं, तो यह न केवल हमारे स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, बल्कि मानसिक शांति और सुख-शांति की भावना भी उत्पन्न करता है। स्वच्छ वातावरण में रहने से हमें सकारात्मक ऊर्जा मिलती है, और यह हमारी उत्पादकता को भी बढ़ाता है। स्वच्छता महाअभियान के दूसरे दिन में, जब नागरिकों ने गली, मोहल्लों, सार्वजनिक स्थल और कार्यालयों की सफाई में हिस्सा लिया, तब यह स्पष्ट हो गया कि स्वच्छता केवल प्रशासन या सरकारी कर्मचारियों की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह हर नागरिक का कर्तव्य है। स्वच्छता को लेकर बढ़ी यह जागरूकता, जिलेभर में एक मजबूत संदेश भेजती है कि हम अपने आस-पास के वातावरण को स्वच्छ और स्वस्थ रखकर ही एक बेहतर समाज का निर्माण कर सकते हैं।
महिलाओं की सक्रिय भूमिका और जागरूकता
इस अभियान में महिलाओं का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। ‘सक्षम सखी’ प्रोजेक्ट के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों ने जूट और कपड़े के बैग वितरित किए, जिससे प्लास्टिक के प्रयोग में कमी आई। यह कदम न केवल पर्यावरण की रक्षा करने के लिए महत्वपूर्ण था, बल्कि महिलाओं की स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता को भी बढ़ाता है। महिलाओं का इस प्रकार की गतिविधियों में शामिल होना समाज में सकारात्मक बदलाव की ओर एक बड़ा कदम है।
संवेदनशीलता और सामूहिक प्रयास दिखे

अभियान के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखा गया कि सफाई केवल औपचारिकता न बने, बल्कि यह एक ठोस और वास्तविक बदलाव के रूप में सामने आए। अधिकारियों द्वारा योजनाबद्ध तरीके से तैयार किया गया यह अभियान न केवल प्रशासनिक व्यवस्था को सशक्त करता है, बल्कि नागरिकों के बीच सामूहिक भावना को भी प्रोत्साहित करता है। जब समाज के विभिन्न वर्गों, जैसे कि सामाजिक संगठन, व्यापार संघ, एनजीओ और स्थानीय नागरिक एकजुट होकर काम करते हैं, तो सफाई के महत्व को समझते हुए उनकी जिम्मेदारी बढ़ जाती है।
स्वच्छता खुशहाल जीवन की नींव


जिला प्रशासन का ध्येय है कि स्वच्छता केवल व्यक्तिगत जिम्मेदारी नहीं है, यह समाज की बेहतरी और संपूर्ण जीवनशैली को प्रभावित करने वाली एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है। राजसमंद जिले का स्वच्छता महाअभियान इस दिशा में एक बड़ा कदम है, जो न केवल नागरिकों को अपने आस-पास की सफाई का महत्व समझा रहा है, बल्कि उन्हें यह भी सिखा रहा है कि एक स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण ही खुशहाल जीवन की नींव है। इस प्रकार के अभियानों से हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आने वाली पीढ़ी भी एक स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण में जीवन यापन करे, और हमारा समाज हर दृष्टिकोण से बेहतर हो।
स्वच्छता और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर रहा फोकस

स्वच्छता के महत्व को हम तब बेहतर समझ सकते हैं जब हम यह देखें कि गंदगी और कचरे से जुड़ी समस्याओं के कारण कई प्रकार की बीमारियां फैलती हैं। गंदे वातावरण में रहने से मच्छरों और कीटों का प्रकोप बढ़ता है, जो डेंगू, मलेरिया और अन्य संक्रामक बीमारियों का कारण बनते हैं। स्वच्छता अभियान इस दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है, क्योंकि इसके माध्यम से न केवल बुरी आदतों को सुधारने की कोशिश की जाती है, बल्कि यह सार्वजनिक स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी फायदेमंद साबित होता है।
Parmeshwar Singh Chundwat ने डिजिटल मीडिया में कॅरियर की शुरुआत Jaivardhan News के कुशल कंटेंट राइटर के रूप में की है। फोटोग्राफी और वीडियो एडिटिंग में उनकी गहरी रुचि और विशेषज्ञता है। चाहे वह घटना, दुर्घटना, राजनीतिक, सामाजिक या अपराध से जुड़ी खबरें हों, वे SEO आधारित प्रभावी न्यूज लिखने में माहिर हैं। साथ ही सोशल मीडिया पर फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स, थ्रेड्स और यूट्यूब के लिए छोटे व बड़े वीडियो कंटेंट तैयार करने में निपुण हैं।