
Rajsamand : राजसमंद जिला मुख्यालय पर एक रेस्टोरेंट में खाना खाने के बाद काउंटर पर बिल भुगतान के लिए पहुंचे नगरपरिषद के सफाई कार्मिक व एएसआई सुरेशचंद्र के पुत्र सचिन गारू की हार्ट अटैक के चलते दर्दनाक मौत हो गई। घटना के बाद उसे तत्काल आरके जिला चिकित्सालय ले गए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। रेस्टोरेंट के काउंटर पर बिल चुकाते वक्त अचानक नीचे गिरकर मौत की पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई।
राजसमंद डीएसपी विवेकसिंह राव ने बताया कि राजसमंद शहर में टीवीएस चौराहे के पास केलवा रेस्टोरेंट में नगरपरिषद राजसमंद के सफाई कर्मचारी सचिन गारू खाना खाने के लिए गया, जहां खाना खाने के बाद बिल भुगतान के लिए काउंटर पर गया। काउंटर पर उसने साेफ खाई और उसके बाद बिल का भुगतान कर रहा था, तभी अचानक नीचे गिरे पड़ा। इस पर काउंटर पर बैठे कार्मिक के अलावा होटल में खाना खा रहे कई लाेग दौड़कर आ गए और उसे तत्काल निजी वाहन से आरके जिला चिकित्सालय पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। चिकित्सकों ने बताया कि सचिन गारू को साइलेंट अटैक आया, जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई। उसके पिता सुरेशचंद्र राजसमंद यातयात पुलिस में एएसआई है। घटना के दूसरे दिन वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
बिल चुकाते समय अचानक गिरा युवक
Heart Attack news rajsamand : यह हृदयविदारक घटना 1 मार्च की रात करीब 8:30 बजे राजसमंद के टीवीएस चौराहे पर स्थित केलवा रेस्टोरेंट में घटी। घटना का CCTV फुटेज सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि युवक कैश काउंटर पर बिल चुका रहा था, तभी अचानक लड़खड़ाने लगा और ज़मीन पर गिर पड़ा। सचिन गारू, जो राजसमंद ट्रैफिक पुलिस में तैनात एएसआई सुरेश चंद्र का इकलौता बेटा था, रात को खाना खाने के लिए टीवीएस चौराहे पर स्थित केलवा रेस्टोरेंट पहुंचा था। उसने खाना खाया और फिर काउंटर पर बिल चुकाने के लिए गया। इसी दौरान उसने सौंफ खाई और कैश काउंटर से बिल लिया। जैसे ही वह काउंटर पर खड़ा था, अचानक उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। उसने अपना हाथ टेबल पर रखा, लेकिन कुछ ही सेकंड बाद वह सीधे नीचे गिर पड़ा। यह देखकर रेस्टोरेंट का स्टाफ और वहां मौजूद ग्राहक हैरान रह गए।
घबराए रेस्टोरेंट कर्मी और ग्राहक
सचिन के गिरते ही रेस्टोरेंट में काम कर रहे कर्मचारी और अन्य ग्राहक घबरा गए। कुछ लोग तुरंत उसकी ओर दौड़े और उसे उठाने की कोशिश करने लगे, लेकिन कोई हलचल नहीं हुई। इसके बाद स्थानीय लोगों ने तुरंत उसे सरकारी अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों ने बताया कि सचिन की मौत हार्ट अटैक के कारण हुई। सूचना मिलने पर परिजन भी अस्पताल पहुंचे, जहां उन्हें बेटे की मौत की खबर मिली।
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
सचिन अविवाहित था और उसके परिवार में माता-पिता के अलावा दो बहनें हैं। उसके पिता सुरेश चंद्र राजसमंद थाने में ट्रैफिक पुलिस में एएसआई के पद पर कार्यरत हैं। बेटे की अचानक हुई मौत से पूरा परिवार सदमे में है। इस घटना के बाद लोगों में भी चिंता बढ़ गई है कि आखिर किस तरह से युवा उम्र में ही हार्ट अटैक जैसी घातक बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। यह घटना एक बार फिर से यह सोचने पर मजबूर कर रही है कि हमें अपने स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है।
अचानक कैसे आया हार्ट अटैक?
चिन की उम्र मात्र 27 साल थी, और इतनी कम उम्र में हार्ट अटैक आना हैरान करने वाला है। डॉक्टरों के अनुसार, आजकल अनियमित जीवनशैली, खानपान की आदतें और मानसिक तनाव के चलते युवाओं में भी हार्ट अटैक के मामले बढ़ते जा रहे हैं। अधिकतर लोग अपने दिल की सेहत पर ध्यान नहीं देते, जिससे यह समस्या गंभीर रूप ले सकती है। परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार, सचिन अविवाहित था और उसकी दो बहनें हैं। वह 1 मार्च की रात को केलवा रेस्टोरेंट में अकेले ही खाना खाने गया था। भोजन करने के बाद जब वह बिल चुकाने के लिए काउंटर पर पहुंचा, तो उसने वहां रखी सौंफ खाई। इसके तुरंत बाद उसने रेस्टोरेंट कर्मचारी से बिल लिया, लेकिन कुछ ही सेकंड में उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। उसने खुद को संभालने के लिए हाथ काउंटर पर रखा, मगर वह ज़मीन पर गिर पड़ा।
रेस्टोरेंट कर्मियों में मची अफरा-तफरी
Rajsamand News today : जैसे ही सचिन नीचे गिरा, रेस्टोरेंट कर्मी और वहां मौजूद ग्राहक घबरा गए। सभी ने मिलकर उसे उठाने की कोशिश की, लेकिन वह बिल्कुल भी प्रतिक्रिया नहीं दे रहा था। कुछ ही पलों में लोगों ने उसे सरकारी अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। चिकित्सकों के अनुसार, मौत का कारण हार्ट अटैक था।
हार्ट अटैक के लक्षण व सतर्क जरूरी
हार्ट अटैक एक गंभीर चिकित्सा आपातकाल है, जिसकी पहचान समय पर होना बहुत जरूरी है। अगर आप या आपके आसपास कोई व्यक्ति निम्न लक्षणों को महसूस करता है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें—
✅ अचानक अस्वस्थ महसूस करना – बिना किसी स्पष्ट कारण के अचानक कमजोरी या असहजता महसूस होना।
✅ चक्कर आना और ठंडा पसीना आना – शरीर में कमजोरी के साथ ठंडा-ठंडा पसीना आना या चक्कर जैसा महसूस होना।
✅ सीने में तेज दर्द – छाती में अचानक तेज दर्द उठना, जो कुछ मिनटों तक बना रहे या बार-बार आए।
✅ जबड़े, कंधे या पीठ में दर्द – खासकर महिलाओं में यह लक्षण ज्यादा देखने को मिलता है।
✅ सांस लेने में दिक्कत – हल्की गतिविधि के बाद भी सांस फूलना या गहरी सांस लेने में कठिनाई महसूस करना।
✅ अत्यधिक थकान – बिना किसी मेहनत के भी शरीर में असामान्य थकावट महसूस होना।

हार्ट अटैक से बचाव के कारगर उपाय
दिल को स्वस्थ बनाए रखना हमारे जीवन के लिए बेहद जरूरी है। हार्ट अटैक से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाना बेहद फायदेमंद हो सकता है—
✅ तंबाकू और शराब से दूरी बनाएं – धूम्रपान और शराब का अधिक सेवन हार्ट पर बुरा असर डाल सकता है। इसे जल्द से जल्द छोड़ने की कोशिश करें।
✅ संतुलित वजन बनाए रखें – अगर आपका वजन सामान्य से अधिक है, तो इसे नियंत्रित करें। मोटापा हृदय रोगों की एक प्रमुख वजह है।
✅ नियमित व्यायाम करें – योग, सैर और हल्का व्यायाम आपके दिल को मजबूत बनाता है और रक्त संचार को सही बनाए रखता है।
✅ स्वस्थ आहार अपनाएं – तला-भुना और पैकेज्ड फूड खाने से बचें। हरी सब्जियां, फल और हेल्दी फैट्स को अपने आहार में शामिल करें।
✅ पर्याप्त नींद लें – रोजाना 7-8 घंटे की अच्छी नींद आपके दिल को स्वस्थ रखने में मदद करती है और स्ट्रेस को भी कम करती है।
बुजुर्गों की तुलना में युवाओं में हार्ट फेल से मौत का खतरा ज्यादा
आजकल हार्ट अटैक और हार्ट फेल जैसी समस्याएं न केवल बुजुर्गों बल्कि युवाओं में भी तेजी से बढ़ रही हैं। शोध के अनुसार, हार्ट फेल के कारण बुजुर्गों में मृत्यु दर 30% जबकि युवाओं में 60% तक होती है।
🔹 उम्र बढ़ने के साथ शरीर खुद को बदलावों के लिए तैयार करता है।
जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, शरीर बीमारियों से लड़ने और हार्ट संबंधी दिक्कतों को झेलने के लिए खुद को तैयार करता है।
🔹 60 साल से अधिक उम्र के मरीजों का शरीर हार्ट अटैक सहन करने में सक्षम होता है।
यदि किसी बुजुर्ग को हार्ट अटैक आता है, तो उनका शरीर इसे झेलने के लिए कुछ हद तक तैयार रहता है, जिससे बचने की संभावना अधिक होती है।
🔹 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में धमनियों में ब्लॉकेज धीरे-धीरे बनता है।
लाइफस्टाइल में बदलाव करने से ब्लॉकेज को कम किया जा सकता है और समय रहते इसे कंट्रोल किया जा सकता है।
🔹 युवाओं में हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा घातक होता है।
कम उम्र के लोगों में शरीर हार्ट अटैक सहने के लिए तैयार नहीं होता, जिससे अचानक ब्लॉकेज होने पर आर्टरी ब्लास्ट हो जाती है और जान का खतरा अधिक बढ़ जाता है।