Solar Panel Subsidy : अगर आपका बिजली का बिल ज्यादा आता है और आप इससे परेशान हैं, तो सोलर ऊर्जा आपके लिए बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है। सोलर पैनल लगाने से न केवल आपके बिजली बिल में कटौती होगी, बल्कि आपको सरकार की ओर से सब्सिडी का लाभ भी मिलेगा। जयपुर के सीतापुरा स्थित जेईसीसी में चल रहे ‘भारत सोलर एक्सपो 2025’ में सोलर पैनल को लेकर बढ़ती दिलचस्पी देखी जा रही है। इस इवेंट में देशभर की 200 से ज्यादा कंपनियां सोलर पैनल, इन्वर्टर और अन्य सोलर प्रोडक्ट्स प्रदर्शित कर रही हैं।
सोलर ऊर्जा का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह पर्यावरण के लिए भी अनुकूल है। अगर आपके घर या व्यवसाय में बिजली की खपत अधिक है और मासिक बिल आपके बजट को प्रभावित कर रहा है, तो सोलर पैनल लगाने का निर्णय समझदारी भरा हो सकता है। खासकर घरों के लिए, जहां बिजली बिल अधिक आता है, सोलर पैनल एक स्थायी समाधान प्रदान करता है।जयपुर के सीतापुरा स्थित जेईसीसी में आयोजित ‘भारत सोलर एक्सपो 2025’ में सोलर पैनल, इन्वर्टर, एनर्जी स्टोरेज पैनल और अन्य संबंधित उपकरणों की प्रदर्शनी लगाई गई है। देशभर से आई 200 से अधिक कंपनियों ने इस प्रदर्शनी में हिस्सा लिया है, जो आधुनिक सोलर टेक्नोलॉजी के साथ-साथ किफायती विकल्प भी पेश कर रही हैं। इसमें सबसे अधिक आकर्षण का केंद्र घरों पर लगाए जाने वाले सोलर पैनल हैं। इन पैनलों को लगाकर लोग अपने बिजली बिल को काफी हद तक कम कर सकते हैं।
PM Surya Ghar Yojana : सूर्य घर योजना के तहत से लगाए जा रहे सोलर पैनल
PM Surya Ghar Yojana : प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना और किसानों के लिए किसान कुसुम प्रोजेक्ट के तहत सोलर पैनल का उपयोग बिजली उत्पादन के लिए किया जा रहा है। इन योजनाओं का उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों को सोलर ऊर्जा के उपयोग के लिए प्रोत्साहित करना है। इन योजनाओं के तहत केंद्र सरकार द्वारा सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है। यह सब्सिडी सोलर पैनल लगाने की लागत को कम करने में मदद करती है, जिससे यह तकनीक आम लोगों के लिए सुलभ बन सके।
राजस्थान में हालांकि, सोलर पैनल पर राज्य सरकार की ओर से कोई अतिरिक्त सब्सिडी नहीं दी जाती। सब्सिडी केवल केंद्र सरकार की ओर से उपलब्ध है। वहीं, भारत के कई अन्य राज्यों में राज्य सरकारें भी सोलर पैनल पर सब्सिडी देती हैं, जिससे वहां सोलर पैनल लगवाना और भी सस्ता हो जाता है। राजस्थान में बढ़ती बिजली खपत और तापमान के चलते सोलर ऊर्जा को अपनाने की भारी संभावना है। इस क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा अतिरिक्त सब्सिडी प्रदान की जाए तो यह लोगों के लिए और भी अधिक फायदेमंद हो सकता है। सोलर पैनल के माध्यम से घरों और व्यवसायों को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ किसानों को भी लाभान्वित किया जा रहा है। किसान कुसुम प्रोजेक्ट के तहत खेतों में सोलर पैनल लगाकर सिंचाई के लिए बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। किसान अतिरिक्त बिजली को डिस्कॉम को बेचकर अतिरिक्त आय अर्जित कर सकते हैं।
Kisan Kusum Project : सोलर पैनल के प्रकार
Kisan Kusum Project : INA सोलर के चीफ टेक्निकल ऑफिसर दीपक जैन बताते हैं कि सोलर पैनल मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं:
- ऑन-ग्रिड सिस्टम: इस प्रणाली में सोलर पैनल से उत्पन्न बिजली डिस्कॉम को सप्लाई की जाती है। डिस्कॉम इसे खरीदकर अगले महीने के बिल में एडजस्ट कर देता है। यह सिस्टम उन घरों और संस्थानों के लिए आदर्श है, जो अपने बिजली बिल को जीरो करना चाहते हैं।
- ऑफ-ग्रिड सिस्टम: इसमें सोलर पैनल से उत्पन्न बिजली को घर में लगी बैटरी में स्टोर किया जाता है। यह बैकअप सिस्टम 3 से 4 घंटे तक चलता है और घर के लिए उपयोगी है। यह सिस्टम उन इलाकों में ज्यादा लोकप्रिय है, जहां बिजली की आपूर्ति नियमित नहीं होती।
1kw solar panel price in India : आपके घर के लिए कितने किलोवाट का सोलर पैनल चाहिए?
1kw solar panel price in India : सोलर पैनल की जरूरत का निर्धारण आपके बिजली बिल पर आधारित होता है। अगर आपका मासिक बिजली बिल 2,000 से 3,000 रुपए के बीच है, तो 3 किलोवाट का सोलर पैनल पर्याप्त होगा। वहीं, अगर बिजली बिल 3,000 से 4,000 रुपए के बीच है, तो 4 किलोवाट का पैनल लगाना बेहतर रहेगा। कम किलोवाट वाले पैनल का उपयोग आमतौर पर खेतों में सिंचाई मोटरों को चलाने के लिए किया जाता है।
How does a solar panel look? : सोलर पैनल लगाने की प्रक्रिया
How does a solar panel look? : सोलर पैनल लगाने के लिए सबसे पहले अपने नजदीकी सोलर डिस्ट्रीब्यूटर से संपर्क करें। अपने घर के बिजली बिल की एक कॉपी लेकर जाएं, ताकि आपकी बिजली खपत के अनुसार सोलर पैनल की क्षमता का निर्धारण हो सके। डिस्ट्रीब्यूटर की टेक्निकल टीम आपके घर का साइट विजिट करेगी और पैनल लगाने के लिए उपयुक्त जगह का निर्धारण करेगी। ऑन-ग्रिड सिस्टम के लिए आपको निम्नलिखित दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे:
- बिजली बिल
- आधार कार्ड
- कैंसिल चेक
- प्रॉपर्टी डॉक्युमेंट्स
इन दस्तावेजों के आधार पर फाइल तैयार की जाएगी, जिसे पीएम सूर्य घर योजना की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। इसके बाद फाइल डिस्कॉम के पास जमा होगी।
मीटर इंस्टॉलेशन की प्रक्रिया
ऑन-ग्रिड सिस्टम में दो मीटर लगाए जाते हैं— एक सोलर मीटर और दूसरा नेट मीटर। इन मीटरों को डिस्कॉम के पास टेस्टिंग के लिए भेजा जाता है। टेस्टिंग में लगभग 7 दिन का समय लगता है, और 590 रुपए की फीस ली जाती है। टेस्टिंग के बाद मीटर पर सील लगाई जाती है। ये पूरी प्रक्रिया डिस्ट्रीब्यूटर के माध्यम से पूरी होती है।
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सब्सिडी और अन्य खर्च
सोलर पैनल और स्ट्रक्चर इंस्टॉलेशन के बाद सब्सिडी प्राप्त करने के लिए 500 रुपए के दो स्टांप और 130 रुपए का स्टांप डिस्कॉम में जमा करना होता है। इसके साथ ही, 100 रुपए प्रति किलोवाट के हिसाब से डिमांड राशि जमा करनी होती है। डिस्ट्रीब्यूटर सब्सिडी के लिए ऑनलाइन आवेदन करता है। पैनल चालू होने के 15-20 दिनों के भीतर सब्सिडी राशि सीधे ग्राहक के बैंक खाते में ट्रांसफर हो जाती है। 3 किलोवाट पैनल पर अधिकतम 78,000 रुपए तक की सब्सिडी दी जाती है।
Solar Panel Price : सोलर पैनल की कीमत
Solar Panel Price : INA सोलर के मुताबिक, सोलर पैनल के साथ इन्वर्टर, स्ट्रक्चर, वायर और अर्थिंग शामिल होती है। ऑन-ग्रिड सिस्टम बिजली बिल को लगभग जीरो करने के लिए उपयुक्त है, जबकि ऑफ-ग्रिड सिस्टम बैटरी पर निर्भर करता है। बैटरी का बैकअप अधिकतम 3-4 घंटे तक होता है। सोलर पैनल की परफॉर्मेंस वैधता 30 साल तक होती है। 3 किलोवाट के सोलर पैनल की कुल लागत लगभग 1 लाख रुपए होती है, जिसमें सब्सिडी शामिल होने पर लागत कम हो जाती है।
Solar Panel Subsidy in Rajasthan : किसानों के लिए कमाई का विकल्प
Solar Panel Subsidy in Rajasthan : किसान कुसुम प्रोजेक्ट के तहत किसान अपने खेतों में सोलर पैनल लगाकर बिजली का उत्पादन कर सकते हैं। इसमें 1 मेगावाट, 2 मेगावाट या 3 मेगावाट के पैनल लगाकर सरकार को 3 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली बेच सकते हैं। इससे किसानों को लाखों रुपए की अतिरिक्त आय हो सकती है।
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Solar Panel Benefit : सोलर पैनल लगाने के फायदे
- बिजली बिल में भारी कटौती
- सरकार से सब्सिडी का लाभ
- 30 साल तक की परफॉर्मेंस वैधता
- पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा उत्पादन
- किसानों के लिए अतिरिक्त आय का स्रोत
3 से लेकर 10 किलोवाट तक के सोलर पैनल कीमत व सब्सिडी
किलोवाट | कीमत | सब्सिडी |
1KW | 50,000 | 30,000 |
2KW | 95,000 | 60,000 |
3KW | 1.80 लाख | 78,000 |
5KW | 2.60 लाख | 78,000 |
6KW | 3.20 लाख | 78,000 |
8KW | 3.90 लाख | 78,000 |
10KW | 4.70 लाख | 78,000 |
सोलर पैनल लगाना न केवल आर्थिक रूप से फायदेमंद है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। केंद्र सरकार की सब्सिडी योजना इसे और भी किफायती बनाती है। चाहे घर हो या खेत, सोलर ऊर्जा हर क्षेत्र के लिए उपयोगी साबित हो रही है। अगर आप बिजली के बढ़ते खर्च से परेशान हैं, तो सोलर पैनल अपनाएं और अपनी बचत को बढ़ाएं।