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Todgarh Bheruji : लाइलाज बीमारियों से राहत, नि:संतान को संतान सुख और रोजमर्रा की जिन्दगी में परेशानियों से प्रत्यक्ष राहत मिलने की मान्यता के चलते राजस्थान के राजसमंद व अजमेर जिले की सरहद पर स्थित टॉडगढ़ कस्बे में स्थित टॉडगढ़ काल भैरव मंदिर की प्रसिद्धि अब देशभर में होने लगी है। प्रत्येक शनिवार को देशभर से श्रद्धालु आने लगे हैं, जो भैरूजी के दर्शन व मंदिर में आने के बाद राहत मिलने के दावे भी कर रहे हैं। टॉडगढ़ काल भैरव मंदिर पर मुख्य उपासक विद्या प्रकाश पडियार ने पूजा उपासना के दौरान कहा कि ईश्वर के प्रति जिन लोगों की आस्था होती है, उनके मनोवांछित कार्य अवश्य पूर्ण होते हैं। जो लोग सच्चे मन से आस्था रखते हैं, उन्हें रास्ता जरूर मिलता है। Todgarh Bheruji Mandir में प्रत्येक शनिवार को विशेष जागरण पर श्रद्धालु अपनी पीड़ा, समस्या उपासक के समक्ष रखते हैं।

Todgarh Bheruji Mandir : राजस्थान में अजमेर जिले के टॉडगढ़ में श्री टॉडगढ़ भैरूजी के नाम से धार्मिक स्थल है, जहां की व्यवस्थाएं श्री भैरव धाम विकास संस्था (रजि.) की देखरेख में चलती है। टॉडगढ़ पुलिस थाने के सामने भव्य मंदिर है। राजसमंद, अजमेर, उदयपुर, भीलवाड़ा के साथ राजस्थान ही नहीं, बल्कि दिल्ली, मुंबई, गुजरात, कर्णाटक, मध्यप्रदेश तक से बड़ी तादाद में श्रद्धालु टॉडगढ़ में भैरूजी के दर्शन करने आ रहे हैं। मंदिर में आए कई श्रद्धालुओं ने प्रत्यक्ष राहत के चमत्कार के दावे भी किए हैं। लोग बताते हैं कि भैरूजी के दर्शन मात्र से ही काफी तकलीफ ठीक हो जाती है। ऐसे कई प्रत्यक्ष उदाहरण है और इसी वजह से दिनोंदिन श्रद्धालुओं की तादाद मंदिर में बढ़ रही है। कैंसर, चर्मरोग सहित कई लाइलाज बीमारियों से भी राहत मिलती है। कई जानलेवा बीमारी से ग्रसित पीड़ित मंदिर में आने के बाद ठीक हुए हैं, जो देश के कई बड़े से बड़े अस्पताल में जाने के बाद भी कई वर्षों से ठीक नहीं हो पाए थे।

Todgarh Bheruji Mandir : 450 वर्ष पुराना है भैरूजी का मंदिर

मुख्य उपासक विद्या प्रकाश पडियार ने बताया कि भैरूजी का मुख्य मंदिर 450 वर्ष पुराना है। लोगों के जीवन व परिवार में किसी भी तरह की समस्या है, तो उसे मंदिर में आने के बाद समाधान मिलता है। वर्तमान में पुलिस थाना टॉडगढ़ के सामने नया मंदिर निर्माणाधीन है, जबकि पुराना मंदिर टॉडगढ़ से राजसमंद मार्ग पर सड़क किनारे है।

Bheruji Mandir : श्रद्धालु घर से यह लेकर आए

5 मुट्‌ठी गेहूं या अन्य कोई अनाज लाल या सफेद कपड़े में लेने है। उसके बाद वह अनाज पूरे घर में घुमाना है। प्रतिष्ठान में कोई दिक्कत है, तो वहां घुमाना है और अगर कोई व्यक्ति बीमारी है, उसके बारे में पूछना है, तो उसना घुमाना है। फिर वह अनाज की मुट्‌ठी घर के पूजा स्थल पर रखकर नियमित पूजा करनी है। उसके बाद टॉडगढ़ में काल भैरूजी मंदिर वह अनाज की मुट्‌ठी लेकर जाना है, मगर उससे पहले भी अपने ईष्ट देवी देवता को याद कर अरदास करनी है कि मैं भैरूजी के मंदिर में जा रहा हूं और मेरी समस्या के समाधान में आपका का आशिर्वाद भी बना रहे। यह मान्यता है कि जिस घर से भी वह अनाज की मुट्‌ठी आती है, उस परिवार के ईष्ट देव को साक्षी मानकर भैरूजी मंदिर में दर्शन करने व आशिर्वाद लेने से श्रद्धालु की समस्या का समाधान मिलता है, ऐसी लोगों की मान्यता है।

टॉडगढ़ भैरूजी मंदिर आने के प्रमुख रास्ते

  • राजसमंद, पाली, ब्यावर (अजमेर) जिले की सीमा पर यह स्थल कस्बा है।
  • उदयपुर से आना है, तो हाइवे 8 पर राजसमंद, कामलीघाट, बरार 6 किमी. दूर टॉडगढ़ है।
  • ब्यावर की तरफ से आना है, तो हाइवे 8 होकर भीम पहुंचना है, जहां से 12 किमी. दूर टॉडगढ़ है।
  • पाली से आना है, तो सारंग सिरीयारी, सोजत रोड होकर वाया कामलीघाट, बरार होकर पहुंचा जा सकता है।

शनिवार को रात्रि जागरण का दिन रहता है उचित

टॉडगढ़ में काल भैरव मंदिर में वैसे तो हर रोज सुबह, शाम सेवा, पूजा होती है। शाम को नियमित आरती होती है, मगर विशेष जागरण शनिवार को रहता है। शनिवार शाम करीब 7 बजे आरती के बाद मुख्य उपासक गादी पर बैठकर लोगों की समस्या सुनते हैं और भैरूजी को साक्षी मानते हुए उनकी समस्या समाधान के लिए मागदर्शन प्रदान करते हैं।

Bheruji Mandir में टोकन खास सुविधा

टॉडगढ़ भैरूजी मंदिर में दिनोंदिन श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसलिए मंदिर प्रबंधन द्वारा सुविधा के लिए टोकन सुविधा शुरू की गई है। इसके लिए सुबह 10 बजे से ही श्रद्धालुओं को टोकन वितरण किए जाते हैं। पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर टोकन दिए जाते हैं और उसी टोकन नंबर के आधार पर रात्रि जागरण में वह श्रद्धालु उपासक के पास पहुंचकर अपनी समस्या पाट पर रख सकता है। फिर संबंधित व्यक्ति की पीड़ा या समस्या सुनकर उपासक द्वारा उचित समाधान किया जाता है। कोई भी व्यक्ति बिना टोकन के आगे नहीं जा सकता है। यहां अगर कोई VVIP भी होगा, तब भी उन्हें उपासक से बात करनी है, तो टोकन लेकर ही आना होगा।

3 मुख्य उपासक लोगों की सुनते है बात

काल भैरव धाम पर तीन मुख्य उपासक है, जिसमें विद्या प्रकाश पडियार, रतनलाल सेन एवं कपिल पडियार पूजा अर्चना व आरती के बाद गादी पर बैठते हैं। फिर भैरूजी को साक्षी मानकर लोगों की बात सुनते हैं और समस्या समधान के लिए उचित मार्ग प्रशस्त करते हैं। इस दौरान सेवक विनोद पडियार, पिंटू पितलिया, दीपक पडियार, रमेश सोनी, रमेश बोहरा, दीपचंद दक, राजेंद्र सेठिया, बुद्धि प्रकाश पडियार, राजकुमार दक, पवन लोढा, गोपाल सोनी, अशोक सेन, लोकेश चिंटू गर्ग, भावेश पडियार आदि सेवक श्रद्धालुओं की सेवा में जुटे रहते हैं।

हर शनिवार शाम भोजन की व्यवस्था भी

Todgarh Bheru Ji Official : टॉडगढ़ भैरूजी मन्दिर विकास समिति प्रवक्ता दीपक पडियार ने बताया कि देश के दूरदराज के इलाकों से श्रद्धालु शनिवार सुबह से ही आना प्रारंभ हो जाते है। प्रत्येक शनिवार की शाम को मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भोजन की व्यवस्था मंदिर प्रबंधन द्वारा उपलब्ध कराई जाती है। इसमें भी त्यादातर समय भक्तजनों द्वारा महाप्रसादी रखी जाती है, जिससे श्रद्धालुओं को नि:शुल्क भोजन मिल जाता है। अगर कोई प्रसादी नहीं होती है, तो न्यूनतम राशि पर भोजन श्रद्धालुओं को करवाया जाता है। इसके लिए खास व्यवस्था है। भोजनशाला की व्यवस्थाओं में रमेश कुमार देसरला, पुरुषोत्तम पडियार, बाबूलाल भाटी, मंजू देसरला, सागर मांडोत, सीमा टांक, योगिता पडियार आदि अक्सर हर शनिवार को सेवा देते हैं।

सेवादार दक बोले- कैंसर रोगियो को मिली राहत

सामाजिक कार्यकर्ता व मंदिर सेवादार राजकुमार दक ने बताया कि भैरूजी मंदिर की महिमा दिनों दिन बढ़ती जा रही है एवं सभी तरह की मनोकामनाएं लेकर श्रद्धालु भैरव मंदिर की चौखट पर माथा टेकने पहुंचते हैं, जिन्हें आत्म संतुष्टि के साथ आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होता है। विशेषकर कैंसर पीड़ित रोगी जिन्हें इलाज कराने पर भी लाभ प्राप्त नहीं होता है, वह भैरव दरबार में पहुंचकर ठीक हो रहे हैं। यह आस्था के चमत्कार का ज्वलंत उदाहरण दर्शाता है।

अमेरिका से एनआईआर श्रद्धालु बेटे को लेकर आए टॉडगढ़

श्रद्धालु पीयूष खंडेलवाल ने बताया कि वह 18 साल से अमेरिका के शिकागो में रहते हैं, जबकि मूलत: जयपुर के निवासी है। पीयूष ने बताया कि उनकी चाचीजी के अचानक कैंसर डाइग्नोस हुआ, जिसमें थर्ड स्टेज का कैंसर था। पीयूष बोले कि उनकी चाचीजी की अस्पताल में जांच करवाई, तब कैंसर की जांच का काउंट 10 हजार था, जबकि नॉर्मल व्यक्ति के केवल 25 से 50 तक रहता है। ऐसे में उनकी चाचीजी के टॉडगढ़ भैरूजी मंदिर आने के 3 सप्ताह बाद दोबारा जांच करवाने पर 600 रह गया, जो प्रत्यक्ष उदाहरण है। इसलिए वे उनके पुत्र को लेकर आए, जो कि मानसिक रूप से कम विकसित है। पीयूष ने बताया कि उनका 18 वर्षीय बेटा आयुष ऑटिज्म से पीड़ित है, जिसका मस्तिष्क काम करता है। अमेरिका के कई अस्पतालों में उपचार कराया, मगर राहत नहीं मिली। यहां का प्रत्यक्ष चमत्कार देखा है, इसीलिए वह उनके बेटे को अमेरिका से लेकर यहां आए हैं।

Todgarh Bheru Ji Official चैनल पर लाइव दर्शन

मंदिर प्रबंधन द्वारा Todgarh Bheru Ji Official के नाम से फेसबुक पेज व यू ट्यूब पर वीडियो अपलोड किए जाते हैं। प्रतिदिन आरती के दर्शन फेसबुक पेज पर लइव किए जाते हैं, ताकि श्रद्धालु घर बैठे भी आरती के दर्शन कर सकते हैं।

समाजसेवी राजकुमार दक बोले- भैरूजी के दर्शन से ही मिलने लगी है राहत

राजसमंद के समाजसेवी राजकुमार दक ने बताया कि काल भैरवधाम पर देशभर से हजारों लोग अपनी समस्या, बीमारी या मनोकामना लेकर पहुंच रहे हैं और समस्या समाधान के कई प्रत्यक्ष उदाहरण है। मंदिर में हर शनिवार शाम करीब 8 बजे से पूजा अर्चना के बाद उपासक भैरूजी के समक्ष गादी पर बैठकर आम लोगों से रूबरू होते हैं और उनकी समस्या, बीमारी का समाधान करते हैं। इसके लिए तय समयावधि में लोगों की समस्या का समाधान भी हो रहा है। इसके कई चमत्कार देखने को मिल रहे हैं। जिन लोगों के संतान नहीं है, उनकी गोद भरी जा रही है, तो जिनके नौकरी में रूकावट हो या बिजनेस में ग्रोथ नहीं हो रही है, तो भैरव बाबा के आशिर्वाद से तरक्की के रास्ते खुल रहे हैं। यह स्थल वाकई चमत्कारिक है, जहां कोई अंधविश्वास नहीं है और न ही पीड़ित व्यक्ति से कोई 1 रुपया लिया जाता है। यहां केवल शनिवार शाम को आने के बाद रातभर मंदिर के जागरण होता है और जागरण के दिन जितने भी लोग होते हैं, सभी लोग उपासक के समक्ष अपनी परेशानी या समस्या बता सकते हैं। इसके लिए श्रद्धालु को घर पर 5 मुट्ठी गेहूं लेकर एक लाल या सफेद कपड़े में रखकर पूजा स्थल पर नियमित पूजा करनी चाहिए। उसके बाद वह गेहूं की मुठ्ठी लेकर काल भैरव धाम के दरबार आना होता है, जहां शनिवार को उसी गेहूं की मुठ्‌ठी से पीड़ित की समस्या का समाधान उपासक द्वारा बताया जाता है।