Google pay Update : अगर आप अपने बिजली, गैस, पानी या मोबाइल रिचार्ज जैसे बिलों का भुगतान करने के लिए Google Pay (गूगल पे) का इस्तेमाल करते हैं, तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है। अब आपको क्रेडिट कार्ड (Credit Card) और डेबिट कार्ड (Debit Card) से बिल भुगतान करने पर अतिरिक्त शुल्क देना होगा। पहले छोटे ट्रांजैक्शन पर कोई शुल्क नहीं लिया जाता था, लेकिन अब गूगल पे ने अपने नियमों में बदलाव किया है और कार्ड से भुगतान करने वालों पर सुविधा शुल्क लगाना शुरू कर दिया है।
गूगल पे ने अब क्रेडिट और डेबिट कार्ड से किए जाने वाले बिल भुगतान पर 0.5% से 1% तक का शुल्क लागू कर दिया है। यह शुल्क आपके कुल ट्रांजैक्शन की राशि पर निर्भर करेगा और इसके साथ जीएसटी (GST – Goods and Services Tax) भी जोड़ा जाएगा। उदाहरण के लिए, अगर आप 10,000 रुपये का बिल भुगतान करते हैं, तो आपको 50 रुपये से 100 रुपये तक की अतिरिक्त प्रोसेसिंग फीस चुकानी पड़ सकती है, जो टैक्स के साथ और भी अधिक हो सकती है।
अगर आप गूगल पे का उपयोग करते हैं, तो आपको इस नए बदलाव के बारे में जानकारी होनी चाहिए। क्रेडिट और डेबिट कार्ड से बिल भुगतान करने पर अब 0.5% से 1% तक का प्रोसेसिंग शुल्क लगेगा, जो कि पहले फ्री था। हालांकि, यूपीआई के जरिए भुगतान अब भी पूरी तरह नि:शुल्क है।
अगर आप अतिरिक्त शुल्क से बचना चाहते हैं, तो यूपीआई के जरिए बैंक खाते से भुगतान करें या अन्य डिजिटल भुगतान विकल्पों का उपयोग करें। गूगल पे का यह नया शुल्क कई यूजर्स के लिए झटका साबित हो सकता है, लेकिन सही भुगतान तरीका अपनाकर आप इस अतिरिक्त खर्च से बच सकते हैं।

किन ट्रांजैक्शन पर लगेगा यह शुल्क?
यह नया शुल्क उन सभी ट्रांजैक्शनों पर लागू होगा, जो क्रेडिट कार्ड (Credit Card) या डेबिट कार्ड (Debit Card) के माध्यम से किए जाएंगे। इसका मतलब यह है कि यदि आप बिजली, गैस, पानी, मोबाइल रिचार्ज, इंटरनेट या अन्य यूटिलिटी बिलों का भुगतान अपने कार्ड से करते हैं, तो आपको यह सुविधा शुल्क देना होगा।
हालांकि, अगर आप अपने बैंक खाते (Bank Account) से सीधे यूपीआई (UPI – Unified Payments Interface) के माध्यम से भुगतान करते हैं, तो आपको किसी भी प्रकार का अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा। गूगल पे ने स्पष्ट किया है कि यूपीआई के जरिए बैंक-टू-बैंक भुगतान अब भी पूरी तरह नि:शुल्क (Free) रहेगा।
यह शुल्क कब से लागू किया गया?
गूगल पे की आधिकारिक वेबसाइट पर इस बारे में जानकारी दी गई है, लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि यह शुल्क कब से लागू किया गया है। हालांकि, कई यूजर्स ने हाल ही में अपने ट्रांजैक्शन में इस अतिरिक्त शुल्क को नोटिस किया है। जब भी आप गूगल पे से कार्ड के माध्यम से भुगतान करेंगे, तो भुगतान से पहले स्क्रीन पर सुविधा शुल्क की पूरी जानकारी दिखेगी। साथ ही, आप अपने गूगल पे की ट्रांजैक्शन हिस्ट्री (Transaction History) में जाकर भी इस शुल्क को देख सकते हैं।
गूगल पे और यूपीआई का वर्चस्व
गूगल पे भारत में यूपीआई (UPI) आधारित डिजिटल पेमेंट सिस्टम का एक प्रमुख प्लेटफॉर्म है। देश के कुल यूपीआई ट्रांजैक्शनों में गूगल पे की हिस्सेदारी लगभग 37% है। यूपीआई मार्केट में सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म फोन पे (PhonePe) है, जबकि गूगल पे दूसरे स्थान पर आता है।
जनवरी 2025 तक गूगल पे ने कुल 8.26 लाख करोड़ रुपये के यूपीआई ट्रांजैक्शन प्रोसेस किए थे। इसका मतलब है कि हर महीने करोड़ों लोग इस प्लेटफॉर्म के जरिए अपने बिलों और अन्य भुगतानों का निपटान कर रहे हैं।

क्या करें यूजर्स?
अगर आप गूगल पे का उपयोग करते हैं और अतिरिक्त शुल्क से बचना चाहते हैं, तो निम्नलिखित विकल्प आपके लिए मददगार हो सकते हैं:
- यूपीआई (UPI) का उपयोग करें: अगर आपका बैंक खाता गूगल पे से जुड़ा हुआ है, तो यूपीआई के माध्यम से भुगतान करें। यह तरीका अब भी नि:शुल्क है।
- नेट बैंकिंग (Net Banking) का उपयोग करें: कुछ बैंक सीधे नेट बैंकिंग के जरिए भी बिल भुगतान की सुविधा देते हैं, जिसमें अतिरिक्त शुल्क नहीं लगता।
- ऑनलाइन बिलिंग प्लेटफॉर्म का उपयोग करें: कई कंपनियां अपने पोर्टल पर बिल भुगतान का विकल्प देती हैं, जहां से आप बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के भुगतान कर सकते हैं।
- ऑनलाइन वॉलेट्स (Wallets) का इस्तेमाल करें: कई डिजिटल वॉलेट (Paytm, PhonePe आदि) भी बिल भुगतान की सुविधा देते हैं, जहां शुल्क कम हो सकता है।
नए शुल्क से लोगों पर क्या असर
गूगल पे द्वारा कार्ड पेमेंट पर सुविधा शुल्क लागू करने से उन लोगों पर अधिक असर पड़ेगा जो अपने क्रेडिट कार्ड (Credit Card) का उपयोग करके बिलों का भुगतान करते हैं।
- क्रेडिट कार्ड यूजर्स: जो लोग अपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग बिल भुगतान और अन्य खर्चों के लिए करते हैं, उन्हें अब अतिरिक्त शुल्क देना होगा।
- डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा: इससे लोग यूपीआई या अन्य नि:शुल्क पेमेंट विकल्पों की ओर शिफ्ट हो सकते हैं।
- बढ़ता खर्च: अगर आप हर महीने कई बिलों का भुगतान करते हैं, तो यह नया शुल्क आपके मासिक खर्च को बढ़ा सकता है।
