
LPG Gas Cylinder Price : त्योहारों का मौसम आते ही महंगाई का असर आम जनता की जेब पर पड़ना शुरू हो जाता है। इस बार होली और रमजान के महीने में एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी कर दी गई है। सरकारी तेल कंपनियों ने 1 मार्च 2025 से 19 किलो वाले कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर के दामों में 6 रुपये की वृद्धि की है। इससे होटलों, रेस्टोरेंट और ढाबों पर महंगाई का असर देखने को मिल सकता है।
Lpg Price Hike : त्योहारी सीजन में एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में हुई बढ़ोतरी आम जनता और छोटे व्यापारियों के लिए चिंता का विषय है। जहां घरेलू सिलेंडर की कीमतें स्थिर हैं, वहीं कमर्शियल सिलेंडर की बढ़ती कीमतें खाद्य व्यवसायों पर असर डाल सकती हैं। सरकार को इस दिशा में आवश्यक कदम उठाने चाहिए ताकि आम आदमी को राहत मिल सके और त्योहारों की खुशियां फीकी न पड़ें।
सरकारी तेल कंपनियां प्रत्येक महीने की पहली तारीख को एलपीजी सिलेंडर के दामों की समीक्षा करती हैं और उसी के अनुसार नई दरें जारी की जाती हैं। इस बार त्योहारी सीजन में ही कीमतें बढ़ा दी गई हैं, जिससे आम जनता को आर्थिक बोझ झेलना पड़ेगा। दिल्ली में अब 19 किलो के कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमत 1803 रुपये हो गई है, जो पहले 1797 रुपये थी। अन्य शहरों में भी कीमतों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है:
- कोलकाता: 1907 रुपये से बढ़कर 1913 रुपये
- मुंबई: 1749.50 रुपये से बढ़कर 1755.50 रुपये
- चेन्नई: 1959 रुपये से बढ़कर 1965 रुपये
घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में कोई बदलाव नहीं
हालांकि, घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में इस बार कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। इससे आम घरों में गैस का खर्च बढ़ने से फिलहाल राहत मिली है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में घरेलू सिलेंडर की कीमतों में भी इजाफा हो सकता है।
रेस्टोरेंट और होटल इंडस्ट्री पर असर
कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में वृद्धि से होटल, रेस्टोरेंट और ढाबों पर सीधा असर पड़ेगा। चूंकि ये व्यवसाय बड़ी मात्रा में एलपीजी गैस का उपयोग करते हैं, इसलिए बढ़ती लागत को संतुलित करने के लिए खाने-पीने की कीमतों में इजाफा किया जा सकता है। इससे आम उपभोक्ताओं को अधिक कीमत चुकानी पड़ सकती है।
त्योहारी सीजन में महंगाई का प्रभाव
LPG Price News : होली और रमजान का महीना विशेष रूप से रसोई में अधिक उपयोग होने वाला समय होता है। जहां होली में मिठाइयों और पकवानों की तैयारियों में गैस की खपत अधिक होती है, वहीं रमजान के दौरान भी सेहरी और इफ्तार के लिए भोजन की तैयारी में एलपीजी की जरूरत ज्यादा होती है। ऐसे में कमर्शियल एलपीजी की कीमतों में हुई वृद्धि का सीधा असर छोटे व्यवसायों, कैटरिंग सेवाओं और फूड इंडस्ट्री पर पड़ेगा।
महंगाई का भविष्य पर प्रभाव
पिछले कुछ वर्षों में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में लगातार उतार-चढ़ाव देखा गया है। वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतें, डॉलर के मुकाबले रुपये का मूल्य और सरकार की नीतियां एलपीजी गैस की कीमतों को प्रभावित करती हैं। आगामी महीनों में भी यदि महंगाई इसी तरह बढ़ती रही, तो घरेलू गैस सिलेंडर के दाम भी बढ़ सकते हैं।
क्या हो सकता है समाधान?
महंगाई के इस दौर में आम आदमी को राहत देने के लिए सरकार को कुछ ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
- सब्सिडी की बहाली: यदि सरकार घरेलू एलपीजी पर फिर से सब्सिडी लागू करती है, तो इससे आम जनता को राहत मिल सकती है।
- वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा: सौर ऊर्जा और बायोगैस जैसे विकल्पों को बढ़ावा देकर एलपीजी पर निर्भरता कम की जा सकती है।
- नियंत्रण नीतियां: सरकार को पेट्रोलियम कंपनियों द्वारा की जाने वाली मूल्यवृद्धि पर नियंत्रण रखने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।