
Nithin Kamath on Stock Market : भारतीय शेयर बाजार में इन दिनों जबरदस्त गिरावट देखने को मिल रही है। सेंसेक्स 4000 अंक से अधिक टूट चुका है, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है। इस गिरावट की वजह से अब तक करीब 40 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। इस महीने बाजार में 5% की गिरावट दर्ज की गई, और Nifty 50 लगातार पांचवें महीने घाटे में रहा। यह 1996 में इसकी शुरुआत के बाद सबसे लंबी गिरावट की लकीर मानी जा रही है।
stock market crash today : इस भारी गिरावट से निवेशकों में डर और चिंता बढ़ गई है, लेकिन विशेषज्ञ इसे पूरी तरह नकारात्मक नहीं मान रहे हैं। ज़िरोधा (Zerodha) के संस्थापक और CEO नितिन कामथ (Nithin Kamath) ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस गिरावट को स्वाभाविक करेक्शन बताया और कहा कि बाजार हमेशा ऊंचाई और गिरावट के बीच झूलता रहता है।
share market crash : शेयर बाजार में गिरावट से निवेशकों के 40 लाख करोड़ रुपये डूब चुके हैं। इस गिरावट के पीछे विदेशी निवेशकों की बिकवाली, महंगाई और वैश्विक अनिश्चितता मुख्य कारण हैं। हालांकि, नितिन कामथ और अन्य विशेषज्ञों का मानना है कि यह बाजार का स्वाभाविक करेक्शन है और लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए यह एक अच्छा अवसर हो सकता है। अब देखना होगा कि बाजार कब तक इस मंदी से उबर पाता है और क्या जल्द ही कोई राहत देखने को मिलेगी।
नितिन कामथ का क्या कहना है?
indian stock market crash : नितिन कामथ ने X (Twitter) पर दो चार्ट साझा करते हुए लिखा,
“बाजार आखिरकार सही हो रहे हैं। यह हमेशा चरम सीमाओं के बीच झूलते हैं, इसलिए यह और गिर सकते हैं, जैसे यह पहले ऊंचाई पर पहुंच गए थे। हमें नहीं पता कि बाजार कहां जाएगा, लेकिन मैं ब्रोकिंग इंडस्ट्री के बारे में बता सकता हूं।”
उन्होंने बताया कि ब्रोकरेज फर्मों में ट्रेडिंग गतिविधि में 30% से अधिक की गिरावट देखी जा रही है। अगर यही स्थिति बनी रही, तो सरकार FY 2025-26 में सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) से अनुमानित 80,000 करोड़ रुपये की तुलना में केवल 40,000 करोड़ रुपये ही कमा पाएगी।
गिरावट की प्रमुख वजहें
शेयर बाजार में इस गिरावट के पीछे कई बड़े कारण हैं, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण विदेशी निवेशकों की बिकवाली है।
1️⃣ विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली
विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) द्वारा प्रस्तावित नए टैरिफ और वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण विदेशी निवेशकों (FIIs) ने भारतीय शेयर बाजार से पैसे निकालने शुरू कर दिए। इससे निवेशकों को भारी नुकसान हुआ और सेंसेक्स 1414 अंक (लगभग 2%) गिर गया। इस बिकवाली से ही निवेशकों के करीब 9 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो चुके हैं।
2️⃣ बढ़ती ब्याज दरें और महंगाई का दबाव
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और अमेरिकी फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) द्वारा ब्याज दरें बढ़ाने की संभावना के चलते बाजार में गिरावट आई है। ब्याज दरें बढ़ने से निवेशकों का आकर्षण शेयर बाजार की बजाय Fixed Deposit (FD) और अन्य सुरक्षित निवेशों की ओर चला जाता है।
3️⃣ कमोडिटी की कीमतों में उछाल
कच्चे तेल और अन्य कमोडिटी की कीमतों में तेजी से लागत बढ़ रही है, जिससे कंपनियों की मुनाफाखोरी पर असर पड़ सकता है। इससे निवेशकों की धारणा नकारात्मक हो गई है।
आगे बाजार में रिकवरी की संभावना?
बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, यह गिरावट पूरी तरह नकारात्मक संकेत नहीं है। नितिन कामथ के अनुसार, यह एक स्वाभाविक करेक्शन हो सकता है, जो बाजार के दीर्घकालिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी होता है।
हालांकि, बाजार कब तक गिरेगा और रिकवरी कब शुरू होगी, यह कहना मुश्किल है। लेकिन अगर ब्याज दरों में कटौती, विदेशी निवेशकों की वापसी और वैश्विक बाजारों में स्थिरता आती है, तो भारतीय शेयर बाजार जल्द ही संभल सकता है।
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
विशेषज्ञों की सलाह है कि इस तरह की गिरावट में घबराने की बजाय लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट पर फोकस करना चाहिए। अनुभवी निवेशक इस समय को बड़ी कंपनियों के शेयरों को सस्ते में खरीदने का अवसर मान रहे हैं।
अगर आप लॉन्ग टर्म निवेशक हैं, तो इस गिरावट को Buying Opportunity की तरह देख सकते हैं। लेकिन शॉर्ट टर्म ट्रेडर्स को सतर्क रहना चाहिए क्योंकि बाजार अभी और गिर सकता है।