
Rain Alert : राजस्थान में मौसम इन दिनों एक अनूठा रंग दिखा रहा है। एक ओर जहां उत्तरी और पश्चिमी हिस्सों में तेज धूप और गर्मी का जोर बढ़ रहा है, वहीं दक्षिणी इलाकों में बादल अभी भी मेहरबान हैं। मौसम विभाग ने आज, मंगलवार, 23 सितंबर 2025 को छह जिलों—झालावाड़, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, बांसवाड़ा और उदयपुर—में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। इस अलर्ट का अर्थ है कि इन क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है, जिससे स्थानीय स्तर पर जलभराव, सड़कों पर फिसलन या अन्य छोटी-मोटी असुविधाएं हो सकती हैं। किसानों, मछुआरों और आम नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है ताकि मौसम की अनिश्चितता से किसी तरह का नुकसान न हो।
चित्तौड़गढ़ जिले में पिछले तीन-चार दिनों से बारिश का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। स्थानीय निवासियों के अनुसार, हर शाम आसमान में बादल छा जाते हैं, और रिमझिम बारिश मौसम को सुहावना बना देती है। एक फाइल फोटो में दिखाई गई इस बारिश ने नदियों, तालाबों और जलाशयों में पानी का स्तर बढ़ा दिया है, जो सूखे की मार झेल रहे इस क्षेत्र के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। खेतों में नमी बनी रहने से किसानों के चेहरों पर भी राहत की मुस्कान है। उदयपुर और प्रतापगढ़ के कुछ हिस्सों में भी सोमवार को हल्की बारिश दर्ज की गई, जिसने गर्मी से जूझ रहे लोगों को ठंडक प्रदान की।
जयपुर, अजमेर समेत कई जिलों से मानसून ने ली विदाई
Rajasthan ka Mosam : राज्य के कई प्रमुख जिलों में मानसून ने आधिकारिक रूप से विदाई ले ली है। जयपुर, टोंक, भीलवाड़ा और अजमेर जैसे शहरों में अब बारिश की संभावना न के बराबर है। मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस सप्ताह के अंत तक, यानी 26 या 27 सितंबर तक, राजस्थान के शेष हिस्सों से भी मानसून पूरी तरह अलविदा कह देगा। इसके बाद शुष्क मौसम की शुरुआत होगी, जो सर्दियों की आहट का संकेत देगा। मानसून की विदाई का असर कृषि, पर्यटन और जल प्रबंधन जैसे क्षेत्रों पर पड़ेगा। किसानों को अब सिंचाई के लिए वैकल्पिक साधनों पर निर्भर होना पड़ेगा, जबकि पर्यटन उद्योग में रेगिस्तानी इलाकों की सैर का आकर्षण बढ़ेगा, क्योंकि साफ और शुष्क मौसम यात्रा के लिए अनुकूल होता है।

पश्चिमी राजस्थान में तेज धूप, तापमान 36-40 डिग्री के बीच
Mosam : मौसम केंद्र जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पश्चिमी राजस्थान में अगले चार से पांच दिनों तक मौसम पूरी तरह शुष्क रहेगा। दिन के समय तेज धूप रहेगी, और तापमान 36 से 40 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है। इस गर्मी से बचने के लिए लोगों को पर्याप्त पानी पीने, हल्के रंग के कपड़े पहनने और दोपहर में बाहर निकलने से बचने की सलाह दी गई है। खासकर बच्चों और बुजुर्गों को हीट स्ट्रोक से बचने के लिए विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। शर्मा ने यह भी बताया कि इस दौरान हवा में नमी की मात्रा कम रहेगी, जिससे वातावरण और शुष्क हो जाएगा।
उदयपुर संभाग में बारिश का दौर जारी
Weather Update : पूर्वी राजस्थान के दक्षिणी हिस्सों, विशेष रूप से उदयपुर संभाग में, अगले एक-दो दिनों तक हल्की बारिश का दौर जारी रह सकता है। इस क्षेत्र के पहाड़ी इलाकों में बादल अभी भी सक्रिय हैं, जो स्थानीय कृषि और जल संरक्षण के लिए लाभकारी साबित हो रहे हैं। उदयपुर के गोगुंदा में पिछले 24 घंटों में 15 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जो इस क्षेत्र में सबसे अधिक है। इसके अलावा, झाड़ोल में 1 मिलीमीटर और प्रतापगढ़ के दलोत में 6 मिलीमीटर बारिश हुई। सोमवार देर रात डूंगरपुर और बांसवाड़ा में भी हल्के बादल छाए रहे, जिससे रात का मौसम सुहावना हो गया। यह बारिश न केवल खेती के लिए फायदेमंद है, बल्कि जलाशयों और तालाबों के जलस्तर को बढ़ाने में भी मददगार साबित हो रही है।
कोटा, भरतपुर और जयपुर में ड्राय मौसम का प्रभुत्व
कोटा, भरतपुर और जयपुर संभाग के अधिकांश हिस्सों में मौसम अब पूरी तरह ड्राय हो गया है। इन इलाकों में बारिश की जगह तेज धूप और गर्म हवाओं का प्रभाव बढ़ रहा है। मौसम विभाग का अनुमान है कि 25 सितंबर से पूरे राज्य में शुष्क मौसम छा जाएगा। इस बदलाव के साथ वायु प्रदूषण का स्तर भी बढ़ सकता है, क्योंकि शुष्क मौसम में धूल और प्रदूषक कण हवा में अधिक समय तक रहते हैं। पर्यावरण विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि लोग मास्क का उपयोग करें और अनावश्यक रूप से बाहर निकलने से बचें। साथ ही, वायु प्रदूषण को कम करने के लिए वाहनों के उपयोग में कमी और पेड़-पौधों की देखभाल पर जोर देने की जरूरत है।

तापमान में बढ़ोतरी, कई शहरों में सामान्य से अधिक गर्मी
तेज धूप और शुष्क मौसम के कारण राज्य के कई शहरों में तापमान सामान्य से 2 डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज किया गया। जयपुर में सोमवार को अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि जैसलमेर में 37.8, फलोदी में 37.2, बीकानेर में 37, बाड़मेर में 37.4, वनस्थली (टोंक) और अलवर में 36.8, चूरू में 38.7, गंगानगर में 39.7, फतेहपुर में 37.3, करौली में 36.7, दौसा में 36.6, हनुमानगढ़ में 37.7, नागौर में 34.5, कोटा में 35.7, चित्तौड़गढ़ में 35.3 और उदयपुर में 32.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इस बढ़ते तापमान ने लोगों की दिनचर्या को प्रभावित किया है, और दोपहर के समय सड़कों पर भीड़ कम देखी जा रही है।

मानसून का प्रभाव: जल संरक्षण को मिला बढ़ावा
इस साल राजस्थान में मानसून ने कई क्षेत्रों में औसत से अधिक बारिश दी है, जिससे जलाशयों और तालाबों का जलस्तर संतोषजनक स्तर पर पहुंच गया है। खासकर दक्षिणी राजस्थान में हुई बारिश ने जल संरक्षण के प्रयासों को बल दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस बारिश का फायदा लंबे समय तक देखने को मिलेगा, क्योंकि भूजल स्तर में सुधार हुआ है। हालांकि, शुष्क मौसम की शुरुआत के साथ जल प्रबंधन और संरक्षण पर और अधिक ध्यान देने की जरूरत होगी।
