राजस्थान में सूर्यग्रहण पूरा हो चुका है। जयपुर समेत पूरे राजस्थान से ग्रहण दिखाई दिया। भारत में भी ज्यादातर हिस्सों से सूर्यग्रहण नजर आया। यह इस साल का आखिरी सूर्यग्रहण है। सूरज पूरी तरह नहीं छिपा, इसलिए इसे आंशिक या खंडग्रास सूर्यग्रहण भी कहा जाता है। जयपुर में 40 फीसदी सूर्यग्रहण दिखा। ग्रहण शाम 6 बजकर 32 मिनट तक चला। जयपुर में दोपहर 4.32 बजे से सूर्यग्रहण शुरू होकर शाम 5.50 बजे तक दिखाई दिया। फिर सूरज डूब गया। हालांकि ग्रहण शाम 6 बजकर 32 मिनट तक चला।
पृथ्वी और सूरज के बीच में चांद आने की वजह से जयपुर में सूर्य अधिकतम 40 प्रतिशत कटा हुआ दिखाई दिया। इसीलिए यह पूर्ण नहीं आंशिक सूर्यग्रहण है। सूर्यग्रहण के कारण आज गोवर्धन और अन्नकूट भी नहीं मनाया जा रहा। कल 26 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा होगी। सूर्यग्रहण के कारण 1300 साल बाद ज्योतिषीय योग भी बने हैं, जब चार ग्रहण अपनी स्वराशि में होंगे। 12 राशियों पर सूर्यग्रहण का अलग-अलग अच्छा-बुरा असर ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक पड़ रहा है। जयपुर में लोगों ने रिफ्लेक्शन में सूर्य ग्रहण देखा। इसमें सूरज का हल्का सा हिस्सा छिपा नजर आया। बीएम बिड़ला तारामंडल, जयपुर के असिस्टेंट डायरेक्टर संदीप भट्टाचार्य ने बताया कि आंशिक सूर्यग्रहण का खगोलीय संयोग बना है।
ग्रहण में ही अस्त हो गया सूर्य
बीएम बिड़ला तारामंडल, जयपुर के असिस्टेंट डायरेक्टर संदीप भट्टाचार्य ने बताया कि आज आंशिक सूर्यग्रहण का खगोलीय संयोग बना है। कुछ क्षेत्र को छोड़कर लगभग पूरे भारत की जमीन से यह ग्रहण नजर आया। जयपुर में ग्रहण दोपहर बाद 4 बजकर 32 मिनट से शुरू हुआ। 5 बजकर 32 मिनट पर अधिकतम 40 प्रतिशत सूर्य कटा हुआ दिखाई दिया। शाम 5 बजकर 50 मिनट पर ग्रहण लगा सूर्य पश्चिम में अस्त हो गया। पृथ्वी और सूर्य के बीच चन्द्रमा के आ जाने से सूर्यग्रहण घटित होता है। ग्रहण समाप्ति 6 बजकर 32 मिनट पर है।
जयपुर में आगरा रोड स्थित हरि सिंह जी भोमिया मंदिर में हवन किया गया। राजस्थान में गोवर्धन पूजा के साथ अन्नकूट प्रसादी का भी भोग ठाकुरजी को लगाया जाता है, लेकिन दीपावली के तुरंत बाद आंशिक सूर्यग्रहण आने के कारण आज का दिन छोड़कर कल 26 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा और अन्नकूट प्रसादी होगी।
सूर्यग्रहण के कारण आज नहीं 26 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा
हर साल कार्तिक अमावस्या पर दीपावली का त्योहार मनाया जाता है। इसके अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। राजस्थान में गोवर्धन पूजा के साथ अन्नकूट प्रसादी का भी भोग ठाकुरजी को लगाया जाता है, लेकिन दीपावली के तुरंत बाद आंशिक सूर्यग्रहण आने के कारण आज का दिन छोड़कर कल 26 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा और अन्नकूट प्रसादी होगी। ज्योतिषियों के मुताबिक 150 साल बाद ऐसा संयोग आया है। जब दीपावली के बाद गोवर्धन पूजा के लिए एक दिन बीच में छोड़ना पड़ रहा है। इससे पहले साल 1995 में दीपावली के दूसरे दिन सूर्य ग्रहण लगा था। तब दिन में सूर्य ग्रहण और ग्रहण का मोक्ष होने के कारण शाम को गोवर्धन पूजा हुई थी, लेकिन आज सूर्यास्त के वक्त ग्रहण लगे रह जाने और वापस सूरज नहीं दिखने के कारण गोवर्धन पूजा नहीं होगी।
भारत में ढाई बजे से शुरू होगा ग्रहण
ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ के अनुसार भारत में ये सूर्य ग्रहण दिन में 2 बजकर 29 मिनट से शुरू हो गया। लगभग 4 घंटे 3 मिनट तक चला। यह आंशिक सूर्य ग्रहण मुख्य रूप से यूरोप, उत्तर-पूर्वी अफ्रीका और पश्चिम एशिया के कुछ हिस्सों से दिखाई दिया। भारत में ग्रहण नई दिल्ली, बेंगलुरु, कोलकाता, चेन्नई, उज्जैन, वाराणसी, मथुरा, बेंगलुरु में भी दिखाई दिया। पूर्वी भारत को छोड़कर सारे भारत में इस सूर्य ग्रहण को देखा गया।
ज्योतिष में सभी 12 राशियों पर सूर्यग्रहण का असर
ज्योतिषियों के अनुसार सूर्य ग्रहण का सभी 12 राशियों पर असर रहा। मेष, वृषभ, मिथुन, कन्या राशि के लोगों पर सूर्य ग्रहण का बुरा असर है, जबकि कर्क और धनु राशि वाले लोगों को इस दौरान धन लाभ होगा। कन्या राशि वालों को इस दौरान हानि हो सकती है। वृश्चिक राशि वालों को भी धन की हानि होने की संभावना है।
6 राशियों- वृषभ, मिथुन, कन्या, मेष, वृश्चिक, तुला राशि के लिए ग्रहण अशुभ
वृषभ- वृषभ राशि वाले लोगों को सूर्य ग्रहण परेशानियां दे सकता है। सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखें।
मिथुन –मिथुन राशि वाले जातकों को यात्रा करते समय सावधानी रखनी चाहिए। नौकरी या व्यापार में कुछ बदलाव हो सकता है। ये बदलाव आपके लिए सही नहीं रहेगा। ऐसे में इस समय सोच-समझकर फैसला लें। आपको आर्थिक नुकसान भी हो सकता है।
मिथुन राशि के जातकों को इस अवधि में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। आर्थिक स्थिति बिगड़ सकती है। जीवनसाथी के साथ अनबन के संकेत हैं। निवेश से बचें। नौकरी व व्यापार में थोड़ी दिक्कतें आ सकती हैं।
कन्या- कन्या राशि वालों के लिए भी ये सूर्य ग्रहण शुभ नहीं है। ज्योतिष के अनुसार, जिन लोगों का व्यापार विदेश से जुड़ा हुआ है, वे इस दौरान अहम निर्णय न ही लें, तो बेहतर है। इस दौरान आपके खर्चे बढ़ेंगे।
मेष- सेहत का ध्यान रखने की जरूरत है। वाहन चलाते वक्त सावधानी रखें। दुर्घटनाएं कहकर नहीं आतीं, लेकिन सावधानी बरतें। खानपान का पूरा ख्याल रखें।
तुला- ज्योतिष के अनुसार, सूर्य ग्रहण के समय सूर्य तुला राशि में ही रहेंगे। ऐसे में ग्रहण का सबसे ज्यादा असर तुला राशि के लोगों पर ही पड़ेगा। इस दौरान इन्हें आर्थिक नुकसान हो सकता है। सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। हृदय रोगियों को सावधान सावधान रहने की जरूरत है।
वाद-विवाद से बचें। मानसिक शांति बनाए रखें। खुद पर नियंत्रण रखें। अपनी सेहत का ख्याल रखें। तुला राशि में सूर्य को नीच का माना जाता है। इसलिए वे थोड़े कष्टकारी साबित होते हैं। सूर्यग्रहण के दिन सूर्य के साथ चंद्रमा, शुक्र और केतु भी तुला राशि में विराजमान रहेंगे। एक ही राशि में चार ग्रहों के होने के कारण चर्तुग्रही योग बनेगा। इन चारों ग्रहों पर राहु की सीधी नजर रहेगी और शनिदेव की भी दृष्टि पड़ेगी। इस वजह से सूर्य ग्रहण का कुछ राशियों पर अशुभ प्रभाव पड़ सकता है।
वृश्चिक- मन अशांत रहेगा। कार्य क्षेत्र में कठिनाईयों का सामना करना पड़ सकता है। वृश्चिक राशि वालों के लिए भी ये सूर्य ग्रहण सही नहीं है। आपके आय में कमी आ सकती है। धन हानि हो सकती है। आपकी वाणी सही नहीं रहेगी। गलत बोलचाल नुकसान कर सकता है। परिवार में तनाव हो सकता है।
3 राशियों- कर्क, धनु, सिंह राशि के लिए ग्रहण शुभ, धन लाभ के योग
कर्क राशि- सूर्य ग्रहण कर्क राशि से चतुर्थ भाव में घटित होगा। काम सफल होंगे। रुकी हुई योजनाएं फिर शुरू हो सकती हैं। जॉब और करियर में प्रमोशन के चांस बनेंगे। भाग्य मदद करेगा और आर्थिक पक्ष मजबूत होगा। घर-परिवार में अच्छा माहौल बनेगा। वाहन, भूमि, भवन खरीद का फैसला हो सकता है। मेडिकल क्षेत्र में नई पहचान बनेगी। मित्रों-परिचितों और घर के सदस्यों से सरप्राइज गिफ्ट मिल सकता है।
धनु– धनु राशि वालों के लिए अच्छा वक्त है। कई सोर्सेस से धनलाभ के योग हैं। रुका हुआ पैसा आ सकता है। पर्सनालिटी में अच्छे बदलाव आ सकते हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स को सफलता मिल सकती है। नए लोगों से मित्रता होगी। इम्युनिटी बढ़ेगी। लंबी बीमारी से परेशान लोगों को राहत मिल सकती है। निवेश से धन लाभ की संभावना है।
सिंह– सिंह राशि से तृतीय भाव में सूर्य ग्रहण लगेगा। ग्रहों की स्थिति से धन लाभ की संभावना है। आत्मविश्वास को कमजोर नहीं पड़ने दें। अटका हुआ पैसा वापस मिल सकता है। नौकरीपेशा लोगों को प्रमोशन और सैलरी में बढ़ोतरी की भी संभावना है। छोटे भाई-बहनों से लाभ हो सकता है। नजरिए में बदलाव आने से अच्छे परिवर्तन आएंगे। उलझे काम सुलझेंगे और सफलता मिलेगी। सरकारी क्षेत्रों में भी फायदा होगा।
3 राशियों मकर, मीन, कुम्भ के लिए मिलाजुला असर रहेगा
मकर– मकर राशि के लोगों को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना जरूरी है। आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। किसी नए काम की शुरुआत न करें। महत्वपूर्ण फैसले लेने से बचें। परिवार में प्रेम बढ़ेगा। मित्रों और सहयोगियों से मदद मिलेगी। नए वाहन, भूमि-भवन खरीद के योग बन रहे हैं।
मीन– मीन राशि के लोगों पर भी सूर्यग्रहण का मिलाजुला असर पड़ेगा। सही प्लानिंग के साथ आगे बढ़ें, अच्छा रहेगा। जो स्टूडेंट्स रिसर्च कर रहे हैं, उन्हें कोई उपलब्धि हासिल हो सकती है। मेडिकल, इंजीनियरिंग, रिसर्च, इन्वेंशन के क्षेत्र में फायदा होगा। शत्रुओं से संभलकर रहें। कॉम्पिटिटर बनते काम बिगाड़ने की कोशिश कर सकते हैं, सतर्क रहें। स्वास्थ्य और खान-पान का विशेष ख्याल रखें। ट्रांसफर या स्थान परिवर्तन के योग हैं। घर में किसी से वाद-विवाद हो सकता है।
कुम्भ- कुंभ राशि वालों के लिए समय मिला-जुला रहेगा। आर्थिक बढ़ोतरी और धनलाभ के योग हैं, लेकिन मेहनत का पूरा फायदा मिलता नहीं दिख रहा है। हर काम में बाधा और रुकावट परेशानी देगी। माता-पिता और बुजुर्गों का आशीर्वाद लेकर शुभ कार्य करें।
देश में इन जगहों पर दिखा सूर्य ग्रहण
दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-श्रीनगर, लेह और लद्दाख, तमिलनाडु, कर्नाटक,महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड और बंगाल में सूर्यग्रहण दिखाई दिया। इसके अलावा भारत के पूर्वी भागों में असम,अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और नागालैंड में सूर्यग्रहण नहीं दिखाई दिया।
सूर्य ग्रहण है- क्या करें, क्या नहीं?
सूर्यग्रहण काल के दौरान बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं, बीमार और बच्चों को छोड़कर सभी लोगों को खाने-पीने और नींद लेने से बचना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को पूरे ग्रहण काल में एक जगह बैठना चाहिए। सूर्य की रोशनी में बाहर खुले में जाने से बचें। ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले सुबह 4.15 बजे से सूतक काल चल रहा है। सूतक काल को अशुभ माना गया है। इसलिए मंदिर के पट बंद दो जाते हैं। ग्रहण के दौरान मंत्रों का जाप और ग्रहण के बाद पानी में गंगाजल डालकर नहाने और दान-पुण्य का विधान है। ग्रहण खत्म होने के बाद पूरे घर में गंगाजल के छींटे दें।
खाने-पीने की चीजों में तुलसी डालें
सूर्य ग्रहण के दौरान सूतक लगने के कारण खाने-पीने की सभी चीजों में तुलसी के पत्ते डालें। ऐसी मान्यता है कि ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव इससे दूर रहते हैं। धर्म और आयुर्वेद में तुलसी के पत्तों का बहुत महत्व है। इसे सबसे पवित्र पौधा माना जाता है।