कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से बच्चों को बचाने एवं बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करने के लिए आयुर्वेद विभाग द्वारा विशेष पहल की गई है। आयुर्वेद विभाग उप निदेशक डॉ. वीरेंद्र पुरोहित के निर्देशन में जिला आयुर्वेद औषधालय में सहायक निदेशक डॉ. प्रद्म्न राजोरा व औषधालय प्रभारी डॉ. परसराम योगी द्वारा रविवार को 152 बच्चों को यह खुराक दी। अब इन बच्चों को 27 जुलाई को दोबारा यह खुराक दी जाएगी। बताया कि बड़ों में वैक्सीन की तरह ही बच्चों के लिए यह खुराक काम करेगी, जिससे कई हद तक बच्चे सामान्य बीमारियों से लेकर कोरोना के संक्रमण से भी बचाएगी।
आयुर्वेद विभाग द्वारा गणेशनगर राजसमंद में स्थित जिला आयुर्वेद औषधालय में रविवार सुबह 9 बजे से 1 बजे तक विशेष शिविर आयोजत किया गया। शिविर में राजसमंद शहर व आस पास के ग्रामीण क्षेत्र के 152 बच्चों को सुवर्णप्राशन ड्रॉप पिलाई गई। शिविर में डॉ. विनोद सैनी, डॉ. अजय दाधीच, डॉ. महेश आचार्य के साथ समाजसेवी प्रकाश जोशी, पुष्कर श्रीमाली, प्रकाश जैन ने भी विशेष सहयोग किया।
बच्चों का बढ़ेगा स्टैमिना
डॉ. योगी ने बताया कि यह ड्रॉप बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास के साथ उनका स्टैमिना और ग्रहण करने की शक्ति शार्पनेस को भी बढ़ाता है। 3 माह से 16 वर्ष तक की उम्र के बच्चों को स्वर्ण प्राशन औषधि पिलाई जा रही है। इससे बच्चों में इम्युनिटी पावर यानि रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होगा। इसके अलावा आयुर्वेद अस्पताल में नर्स सुफेदी कुमारी, सुकराम, हरिशंकर द्वारा भी पंजीयन के साथ बच्चों का वजन करने व नपती में सहयोग प्रदान किया गया।
अब हर 15 दिन में पिलानी होगी खुराक
डॉ. परसराम योगी ने बताया कि कोरोना संक्रमण या मौसमी बीमारियों से बचाव को लेकर यह खुराक हर 15 दिन में बच्चों को दी जाएगी। इसके तहत आयुर्वेद विभाग द्वारा प्रत्येक बच्चे को स्वास्थ्य कार्ड बनाकर दिया गया। इसके तहत प्रत्येक 15 दिन में यह खुराक दी जाएगी। इसके तहत इन बच्चों को दूसरी खुराग देने के लिए 27 जुलाई को फिर शिविर आयोजित होगा। बताया गया कि यह आयुर्वेदिक खुराक बच्चों में वैक्सीन की तरह ही काम करेगी। यह ड्रॉप बच्चों को 15 दिन में एक बार देनी होगी।