अरावली की वादियों में घोरम घाट क्षेत्र बेहद सुंदर पिकनिक स्पॉट है। यहां पहाड़ पर घोरम नाथ जी का मंदिर, जोगमण्डी का प्राकृतिक झरना, और रेलवे स्टेशन है। नाथ सम्प्रदाय के श्री घोरख नाथ जी के शिष्य श्री घोरम नाथ के नाम से यह क्षेत्र प्रसिद्ध है। यह पूरा क्षेत्र प्राचीन काल से ही ऋषियों की तपोभूमि रहा है, जहां काजलवास, वायड, सारण आदि पावन तीर्थ हैं। यहां रियासतकाल में 1934 में रेलवे लाइन प्रारंभ हुई।खामलीघाट से घोरम घाट का 12 किमी का रेलवे ट्रेक बेहद खूबसूरत हैं जहां ट्रेन 2 सुरंगों से होकर निकलती है।
यह क्षेत्र ग्राम पंचायत काछबली के अंतर्गत वन क्षेत्र में आता है।
यहां जाने के लिए 2 ऑप्शन है
- (1) पहला रेल मार्ग द्वारा- प्रति दिन मावली से मारवाड़ रेल चलती है, जिससे यहाँ पहुचा जा सकता है।
- (2) सड़क मार्ग द्वारा –
- (!i) मगरा मेवाड़ अजमेर क्षेत्र से आने वाले पर्यटकों के लिए-
- ग्राम पंचायत काछबली पहुंच कर वेर का चौड़ा, गोरमथड़ा होते हुए स्टेशन और जोगमण्डी झरने तक जाया जा सकता है। बाइक या जीप से जाना ज्यादा ठीक रहेगा, कार से जाएंगे तो 2 किमी पहले ही गोरमथड़ा में गाड़ी रख का पैदल जाया जा सकता है।
- (ii) मारवाड़ क्षेत्र से आने पर- ग्राम पंचायत फुलाद होकर सीधे झरने और स्टेशन तक फ़ॉर व्हीलर 2 व्हीलर द्वारा पंहुचा जा सकता है।
- इस पूरे क्षेत्र को विकसित करने की आवश्यकता है, सरकार ,स्थानीय जन प्रतिनिधि इस तरफ़ ध्यान दें तो यह राज्य का सबसे अनूठा एक महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल बन सकता है।
यहां जाएं तो खाने पीने की सामग्री साथ ले जाएं, क्योंकि घने जंगल मे स्थित इस क्षेत्र में कोई दुकान नहीं है। रात्रि विश्राम की सुविधा भी अभी नहीं है। इस क्षेत्र के प्रचार प्रसार के लिए रॉयल एनफील्ड बाइक रैली डॉ वीपी सिंह काछबली के संयोजन में हाल ही में उदयपुर से यहां तक निकाली गई, जिसमे उदयपुर, राजसमन्द, चितौड़, अहमदाबाद, बड़ौदा के 50 से ज्यादा बाइकर्स शामिल हुए।
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डॉ वीपी सिंह काछबली