
Protest Villagers : नगर परिषद राजसमंद के परिसीमन में 6 गांवों को शामिल करने का विरोध लगातार तेज होता जा रहा है। गुरूवार सुबह 6 गांवों के सैकड़ों ग्रामीणों ने रैली निकाल कर जिला कलक्ट्री का घेराव करते हुए विरोध पर प्रदर्शन किया। फिर ग्रामीणों के प्रतिनिधिमंडल ने जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों ने स्पष्ट चेतावनी दी कि अगर जल्द ही प्रशासन द्वारा छह गांवों को शहर में शामिल करने की अधिसूचना निरस्त नहीं की जाएगी, तो ग्रामवासी आने वाले चुनावों में मतदान नहीं करेंगे। फिलहाल जिला कलक्टर ने उनकी मांग को सरकार तक पहुंचाकर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
Rajsamand News : प्रदर्शनकारियों ने कलेक्ट्रेट गेट पर प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। ग्रामीणों ने परिसीमन रद्द नहीं होने पर मतदान के बहिष्कार की भी चेतावनी दी है। ग्रामीणों और जनप्रतिनिधि ने बताया कि अधिकारियों ने बिना ग्रामीणों से फीडबैक लिए एसी कमरे में बैठकर ही प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इस पूरी कवायत में गांव को पिक एंड चूज किया जा रहा है। जिससे राजनीतिक दुर्भावना की भावना प्रतीत हो रही है। ग्रामीणों ने बताया कि नगर परिषद फिलहाल आर्थिक तंगी से जूझ रहा हैए ऐसे में स्वतंत्र गांवों को नगर परिषद क्षेत्र में शामिल करने के बाद इनका विकास रूक जाएगा और ग्रामीणों को अपने छोटे.मोटे कार्यों के लिए कई किलोमीटर का चक्कर काटना पड़ेगा। लगभग 14 हजार 294 की संख्या वाले इन 8 राजस्व गांवों को नाराज करने से संगठन को भी नुकसान झेलना पड़ सकता है।
Nagar Parishad Rajsamand : राजसमन्द विधानसभा के 6 राजस्व गांवो को नगर परिषद में शामिल कर नगर परिषद राजसमंद के सीमा विस्तार पर ग्रामीणों ने विरोध जताया है। पसुन्द सरपंच अयन जोशी ने बताया कि अधिकारियों गुपचुप तरिके से राजसमन्द नगर परिषद की सीमा विस्तार, वार्ड की संख्या और परिसीमांकन की कार्यवाही द्वारा जा रहीं है। जिसमें मोरचणा, भगवान्दा खुर्द, एमड़ी, केरोट, शंकरपुरा, पीपरडा समेत 6 गावों को नगर परिषद में शामिल करने का प्रस्ताव भेजा गया है। जबकि इस कार्यवाही से ग्रामीणों और स्थानिय जनप्रतिनिधियों को जानकारी से दूर रखा गया। एैसे में नगर परिषद राजसमन्द आयुक्त द्वारा 14 फरवरी 2025 को परिसिमन के नाम पर राजसमन्द विधानसभा के 6 राजस्व गांवो को नगर परिषद में शामिल करने का प्रस्ताव जिला कलक्टर को भिजवाया गया था। पसुन्द सरपंच जोशी ने बताया कि यह प्रस्ताव गुपचुप में अधिकारी द्वारा गांव वालो से बिना पूछे या बिना बताए बनाया गया। इसकी किसी भी तरह से किसी भी ग्रामवासी को कोई जानकारी नही थी। जब इस प्रस्ताव के बारे में ग्रामवासियों को पता चला तो मोरचणा, भगवान्दा खुर्द, पीपरडा, शंकरपुरा, एमड़ी एवं केरोट के ग्रामीण गुरूवार को जिला कलेक्टी पहुंचे और एकजुट होकर प्रशासन के समक्ष विरोध करते हुए आपत्ती दर्ज कराई। उन्होंने नगर परिषद द्वारा गुपचुप में भेदभाव करते हुए बनाए गए परीसीमन के इस प्रस्ताव पत्र को खारीज करने की मांग की। पूर्व उप्रधान सुरेश जोशी, भाजपा पूर्व जिलामंत्री श्रीकृष्ण पालीवाल, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य मांगीलाल कुमावत, उपप्रधान सुरेश कुमावत, पूर्व भाजपा मंडल अध्यक्ष गणेश पालीवाल के नेतृत्व में हजारों की संख्या में लोगो ने प्रस्ताव खारिज नहीं करने पर आगामी होने वाले चुनाव मे मतदान बहिस्कार की चेतावनी दी। इससे पहले ग्रामीणों ने रैली निकालकर विरोध जताया। कानून एवं शांति व्यवस्था को लेकर राजसमंद पुलिस (Rajsamand Police) का जाब्ता तैनात रहा।

ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
IAS Balmukund Asawa : उसके बाद जिला कलक्टर बाल मुकुंद असावा को हर राजस्व गांव के पांच-पांच प्रतिनिधी मण्डल के सदस्यों ने गांव के वरिष्ठजनों की मौजूदगी में ज्ञापन सौंपकर नगर परिषद द्वारा जारी आदेश को खारिज करने की मांग की। सरपंच जोशी ने बताया कि इसी संदर्भ में ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी, उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा स्वायत शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा, सांसद महिमा कुमारी मेवाड़, भाजपा जिलाध्यक्ष जगदीश पालीवाल, भाजपा पूर्व जिलाध्यक्ष मानसिंह बारहठ को ज्ञापन सौंपकर इन गांवों को परिषद में शामिल करने के प्रस्ताव को रद्द करवाने की मांग की। भाजपा प्रदेश कार्य समिति सदस्य मांगीलाल कुमावत ने बताया कि परिषद की ओर से शामिल किए गए 6 राजस्व गांव भाजपा के गढ़ माने जाते है। लेकिन इन गांवों को शामिल करने के लिए किसी से राय सलाह और मशवरा नहीं किया गया। केवल कार्यालयों में ही बैठक इनके प्रस्ताव बनाए गए है। जो न्यायोचित नहीं है। इसके बावजूद अगर ऐसी परिस्थिति बनती है ओर परिसीमन का यह प्रस्ताव रद्द नहीं किया जाता है तो, उग्र आंदोलन किया जाएगा।

तीतरी को ग्राम पंचायत मुख्यालय बनाने के लिए ज्ञापन
राजसमंद जिले में भीम उपखंड के राजस्व ग्राम तीसरी के ग्रामीण गुरूवार को जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे और ग्राम पंचायत बनाने की मांग को लेकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में ग्रामीणों ने तीतरी को पंचायत मुख्यालय बनाने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि तीतरी गांव सरकार द्वारा निर्धारित सभी मापदंडों को पूरा करता है और इसलिए इसे पंचायत मुख्यालय बनाया जाना चाहिए। ग्रामीणों ने बताया कि वर्तमान में तीतरी सहित अन्य गांव ग्राम पंचायत समेलिया में शामिल हैं, लेकिन पंचायत मुख्यालय से दूरी अधिक होने के कारण ग्रामीणों को पंचायत के कार्यों के लिए काफी परेशानी होती है। ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर बालमुकुंद असावा को ज्ञापन सौंपकर तीतरी को नवीन ग्राम पंचायत बनाने की मांग की है। इस मांग के समर्थन में बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट में एकत्रित होकर अपनी बात रखी। ग्रामीणों ने बताया कि तीतरी गांव में सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं और यहां पर एक पंचायत मुख्यालय स्थापित करने से ग्रामीणों को काफी लाभ होगा।