
Rajsamand : सुरम्य ध्यान योग साधना स्थल संबोधि उपवन, धानीन के पास, एक भव्य दीक्षांत समारोह का साक्षी बना। यह विशेष आयोजन रविवार को संस्थान के अध्यक्ष एवं पूर्व उपशासन सचिव (विधि, गृह) डॉ. बसंती लाल बाबेल के सानिध्य में संपन्न हुआ। समारोह में आध्यात्मिक उन्नयन, योग एवं ध्यान के प्रचार-प्रसार को लेकर कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की गईं।
कार्यक्रम के प्रमुख अतिथि तुलसी निकेतन, उदयपुर के अध्यक्ष सुरेश चंद्र दक, मुख्य अतिथि युवा गौरव पदमचंद पटावरी और अध्यक्षता लोक अधिकार मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट संपत लाल लड्ढा ने की। इसके अलावा विशिष्ट अतिथि के रूप में समाजसेवी अशोक डूंगरवाल एवं धर्मचंद खाब्या उपस्थित रहे। डॉ. बाबेल ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि संबोधि उपवन का विकास गुरु दृष्टि के अनुरूप किया जाएगा, जिससे यह एक आध्यात्मिक केंद्र के रूप में उभरे। उन्होंने बताया कि आचार्य श्री महाश्रमण जी के साथ प्रतिनिधि मंडल ने विस्तार से चर्चा की, जिसमें कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। इन सुझावों को अमल में लाते हुए उपवन को ध्यान, योग और साधना के लिए एक उत्कृष्ट केंद्र बनाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि संस्थान के विकास में समाज के हर व्यक्ति का सहयोग आवश्यक है, जिससे यह स्थान आध्यात्मिक और भौतिक रूप से समृद्ध हो सके। युवा गौरव पदमचंद पटावरी ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि ध्यान और योग से शारीरिक एवं मानसिक संतुलन को बेहतर बनाया जा सकता है। उन्होंने समाज के सभी वर्गों से आग्रह किया कि वे इस योग स्थल का अधिक से अधिक लाभ उठाएँ। उन्होंने डॉ. बाबेल के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि संबोधि उपवन आने वाले समय में कई नए आध्यात्मिक आयाम स्थापित करेगा।
संबोधि उपवन में इंटरनेशनल स्कूल की संभावना – सुरेश चंद्र दक
कार्यक्रम के प्रमुख अतिथि सुरेश चंद्र दक ने सुझाव दिया कि इस स्थान पर ‘आचार्य महाश्रमण इंटरनेशनल स्कूल’ जैसी एक नई परिकल्पना को मूर्त रूप दिया जा सकता है। इस योजना के तहत संबोधि उपवन को एक शैक्षिक और आध्यात्मिक केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे न केवल स्थानीय लोगों बल्कि दूर-दराज के साधकों को भी लाभ मिल सकेगा।दीक्षांत समारोह के द्वितीय सत्र में संबोधि उपवन के विकास में योगदान देने वाले सहयोगियों को सम्मानित किया गया। रमेश धाकड़ (मुंबई), सुरेश चंद्र दक (बेंगलुरु), गणेश लाल कच्छारा (कांकरोली), विनय कोठारी (राजसमंद) और डॉ. बसंती लाल बाबेल (सरदारगढ़) को ‘संबोधि रत्न अलंकरण’ से विभूषित किया गया। अन्य सहयोगियों को भी ‘संबोधि साधक’ एवं ‘सेवा सम्मान’ देकर अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों से सजी आध्यात्मिक संध्या
समारोह के प्रारंभ में ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ के अनुराग अग्रवाल, संपत लाल लड्ढा, आलोक सनाढ़य एवं जगदीश कुमावत द्वारा भव्य आध्यात्मिक भजनों की प्रस्तुति दी गई। इनके मधुर स्वरों ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके साथ ही ध्यान योग के प्रयोग करवाकर स्वस्थ जीवन शैली के महत्वपूर्ण सूत्रों को साझा किया गया। समारोह में अशोक डूंगरवाल, राजकुमार दक, अचल कुमार धर्मावत, मनोहर लाल चोरडिया, ख्याली लाल चपलोत, हिम्मतमल कोठारी, मुन्नालाल वर्मा, विनोद सोनी, भरत कुमावत, माधव लाल चंडालिया, घनश्याम कुमावत, लालाराम, कमलेश तलेसरा समेत कई गणमान्य जन उपस्थित थे। उन्होंने संबोधि उपवन को एक अद्वितीय आध्यात्मिक स्थल के रूप में स्थापित करने के लिए अपने सुझाव दिए। कार्यक्रम के समापन पर कार्यकारी अध्यक्ष कमलेश तलेसरा ने सभी आगंतुकों और सहयोगियों का आभार प्रकट किया।
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